Edited By Pardeep,Updated: 23 Jun, 2025 01:26 AM

इजराइली अधिकारियों ने Yedioth Ahronoth को दिए एक बयान में कहा है कि अगर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई सार्वजनिक रूप से युद्धविराम (ceasefire) की इच्छा जताते हैं, तो इजराइल तुरंत संघर्ष रोकने को तैयार है।
इंटरनेशनल डेस्कः जब न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की आपात बैठक चल रही थी, उसी दौरान इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने देश में पत्रकारों से बात करते हुए ईरान पर चल रहे सैन्य अभियान को लेकर बड़ा बयान दिया।
'हम थकाऊ युद्ध में नहीं फंसना चाहते, लेकिन अभियान अधूरा नहीं छोड़ेंगे'
नेतन्याहू ने कहा: “इजराइल किसी लंबे और थकाऊ युद्ध (war of attrition) में नहीं फंसना चाहता, लेकिन हम अपना अभियान जल्दबाजी में बंद नहीं करेंगे।”
उन्होंने साफ किया कि इज़राइल का उद्देश्य तेहरान के परमाणु कार्यक्रम और बैलिस्टिक मिसाइल क्षमताओं को पूरी तरह खत्म करना है, और वह अपने लक्ष्य के बहुत करीब पहुंच चुका है।
अमेरिका ने जिसे बम से उड़ाया, वह ईरानी न्यूक्लियर साइट बुरी तरह क्षतिग्रस्त
नेतन्याहू ने खास तौर पर Fordow परमाणु संयंत्र (Fordow Nuclear Site) का ज़िक्र किया, जो ईरान की सबसे सुरक्षित और भूमिगत न्यूक्लियर फैसिलिटी मानी जाती है।
यही वह साइट है जिसे अमेरिका ने अपने "बंकर-बस्टिंग" बमों से निशाना बनाया था। नेतन्याहू ने कहा, “फोर्डो साइट को बहुत बुरी तरह नुकसान पहुंचा है, हालांकि, वहां हुई पूरी क्षति का आंकलन अभी बाकी है।”
क्या हासिल करना चाहता है इजराइल?
इज़राइल का अभियान मुख्यतः तीन बिंदुओं पर केंद्रित है:
-
ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम को रोकना या नष्ट करना
-
बैलिस्टिक मिसाइलों की उत्पादन क्षमता को खत्म करना
-
ईरान के क्षेत्रीय प्रभाव को कमजोर करना, खासकर हिजबुल्लाह और अन्य समूहों के ज़रिए
क्यों बढ़ा तनाव?
-
हाल के हफ्तों में इज़राइल और ईरान के बीच सीधा टकराव देखने को मिला है।
-
अमेरिका भी अब सीधे तौर पर शामिल हो चुका है, जिसने ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर टॉमहॉक मिसाइलों और B-2 स्टील्थ बमवर्षकों से हमला किया।
-
ईरान की ओर से जवाबी हमले की आशंका बनी हुई है, जिस कारण पूरा मध्य पूर्व क्षेत्र हाई अलर्ट पर है।