यूक्रेन की एंटी-करप्शन एजेंसियों की प्रॉपर्टी रेड के बाद जेलेंस्की के चीफ ऑफ स्टाफ ने दिया इस्तीफा

Edited By Updated: 28 Nov, 2025 09:33 PM

zelensky s chief of staff resigns after anti corruption agencies raid properties

यूक्रेन की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। देश की एंटी-करप्शन एजेंसियों द्वारा हाल ही में की गई व्यापक प्रॉपर्टी रेड के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के सबसे करीबी सहयोगी और चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ एंड्री यरमक ने इस्तीफ़ा दे दिया...

नेशनल डेस्क: यूक्रेन की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। देश की एंटी-करप्शन एजेंसियों द्वारा हाल ही में की गई व्यापक प्रॉपर्टी रेड के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के सबसे करीबी सहयोगी और चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ एंड्री यरमक ने इस्तीफ़ा दे दिया है। यरमक लंबे समय से ज़ेलेंस्की के मुख्य रणनीतिक सलाहकार और कई महत्वपूर्ण वार्ताओं के प्रमुख बिंदु रहे हैं।

ज़ेलेंस्की का संबोधन: 'ऑफ़िस का रिबूट ज़रूरी है'

अपने आधिकारिक टेलीग्राम चैनल पर जारी एक विशेष संबोधन में राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने पुष्टि की कि यरमक ने आज सुबह अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया है। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य इस फैसले को लेकर किसी भी तरह की अफ़वाहों, अटकलों या राजनीतिक अस्थिरता से बचना है।

ज़ेलेंस्की ने कहा- “मैं एंड्री का शुक्रगुज़ार हूँ। उन्होंने हर बातचीत में यूक्रेन का नज़रिया वैसे ही रखा जैसा रखा जाना चाहिए- पूरी तरह देशभक्तिपूर्ण। लेकिन मैं चाहता हूँ कि कोई अफ़वाहें और अटकलें न हों।” राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि वह कल सलाह-मशविरा करेंगे कि इस महत्वपूर्ण भूमिका को अब कौन संभालेगा। यह पद युद्धकालीन स्थिति में देश के लिए बेहद अहम माना जाता है।

इस्तीफ़े की पृष्ठभूमि: एंटी-करप्शन छापे और बढ़ता दबाव

यूक्रेन पिछले कुछ समय से भ्रष्टाचार मामलों को लेकर अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना कर रहा है।

  • हाल ही में एंटी-करप्शन एजेंसियों ने उच्च-स्तरीय अधिकारियों से जुड़े प्रॉपर्टी परिसरों पर कई छापे मारे।
  • जांच टीम के मुताबिक कुछ संपत्तियों और लेन-देन में “अनियमितताओं” की संभावना पर कार्रवाई की गई थी।
  • इन छापों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ा दी थी और सत्ता के शीर्ष स्तर पर जवाबदेही को लेकर सवाल उठने लगे थे।

इसी वातावरण में यरमक का इस्तीफ़ा सामने आया, जिसे कई विश्लेषक “राजनीतिक दबाव और प्रशासनिक सफ़ाई का संयोजन” बता रहे हैं।

क्यों ज़रूरी था यह बदलाव?

ज़ेलेंस्की ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि यूक्रेन ऐसे समय में है जब संभावित शांति समझौते को लेकर कूटनीतिक चर्चाएँ बेहद नाज़ुक मोड़ पर हैं। उन्होंने कहा— “हमें अंदरूनी ताकत की जरूरत है। जब दुनिया यूक्रेन की स्थिति को देख रही है, तो हमारा प्रशासनिक ढांचा मज़बूत और पारदर्शी होना चाहिए।” ज़ेलेंस्की के अनुसार, ऑफ़िस का यह “रिबूट” यूक्रेन की निर्णय लेने की क्षमता, वार्ताओं में एकजुटता और अंतरराष्ट्रीय भरोसे को मजबूत करेगा।

यरमक कौन हैं और उनकी भूमिका इतनी अहम क्यों?

  • एंड्री यरमक को ज़ेलेंस्की का सबसे भरोसेमंद सहयोगी माना जाता रहा है।
  • रूस से हुई कई महत्वपूर्ण वार्ताओं में यरमक की सीधी भूमिका रही।
  • वह युद्धकाल में अंतरराष्ट्रीय सहायता, हथियार सप्लाई, और पश्चिमी देशों के साथ समन्वय के मुख्य वास्तुकार थे।
  • यूक्रेन के राजनीतिक ढांचे में उन्हें “किंगमेकर” की तरह देखा जाता रहा है।

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