तुर्किये में शांति की उम्मीद, जेलेंस्की बोले- अंकारा में पुतिन का इंतजार करूंगा

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 13 May, 2025 08:44 PM

zelensky said i will wait for putin in ankara

रूस-यूक्रेन युद्ध को तीन साल से ज्यादा हो चुके हैं। हजारों जानें जा चुकी हैं, लाखों लोग विस्थापित हुए हैं और दुनिया भर की अर्थव्यवस्था पर इसका गहरा असर पड़ा है। ऐसे में अब एक उम्मीद की किरण तुर्किये से दिख रही है

इंटरनेशनल डेस्क: रूस-यूक्रेन युद्ध को तीन साल से ज्यादा हो चुके हैं। हजारों जानें जा चुकी हैं, लाखों लोग विस्थापित हुए हैं और दुनिया भर की अर्थव्यवस्था पर इसका गहरा असर पड़ा है। ऐसे में अब एक उम्मीद की किरण तुर्किये से दिख रही है, जहां यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच संभावित सीधी बातचीत की तैयारी की जा रही है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने मंगलवार को बड़ा बयान देते हुए कहा कि वह गुरुवार को तुर्किये की राजधानी अंकारा में मौजूद रहेंगे और तुर्किये के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोआन से मुलाकात करेंगे। इसके बाद वह रूस के राष्ट्रपति पुतिन के वहां आने का इंतजार करेंगे।

जेलेंस्की का स्पष्ट संदेश - बातचीत के लिए तैयार हूं

जेलेंस्की ने साफ कहा है कि वह युद्ध को खत्म करने के लिए रूस के साथ सीधी बातचीत के लिए तैयार हैं। उन्होंने बताया कि अगर पुतिन इस्तांबुल को वार्ता का स्थान चुनते हैं तो वह वहां भी बातचीत के लिए पहुंचने को तैयार हैं। उनका यह बयान साफ संकेत देता है कि यूक्रेन अब युद्ध नहीं, शांति चाहता है और इसके लिए वह हरसंभव कदम उठाने को तैयार है।

पुतिन की चुप्पी बरकरार, रूस की ओर से कोई स्पष्ट संकेत नहीं

जहां एक ओर जेलेंस्की खुले तौर पर बातचीत की पहल कर रहे हैं, वहीं रूस की तरफ से अभी तक कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने लगातार दूसरे दिन यह बताने से इनकार कर दिया कि पुतिन अंकारा या इस्तांबुल में होने वाली बैठक में शामिल होंगे या नहीं। हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि रूस जब जरूरी समझेगा, तब इस बारे में जानकारी दी जाएगी। रूस की तरफ से इतना जरूर कहा गया है कि वह बिना किसी शर्त के इस्तांबुल में एक प्रतिनिधिमंडल भेजेगा, जो शांति वार्ता में हिस्सा ले सकता है।

तुर्किये की भूमिका - मध्यस्थ के रूप में उभरा एर्दोआन

तुर्किये के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोआन पहले भी कई बार रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थता की भूमिका निभा चुके हैं। अब एक बार फिर तुर्किये शांति वार्ता के संभावित मंच के रूप में उभर रहा है। एर्दोआन की यह कूटनीतिक पहल दुनिया के लिए राहत की खबर हो सकती है, बशर्ते रूस की ओर से भी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिले।

अमेरिका का दबाव, ट्रंप भी आए आगे

इस पूरे घटनाक्रम में अमेरिका भी पीछे नहीं है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी दोनों देशों से बातचीत की अपील की है। ट्रंप ने सत्ता में आते ही यह वादा किया था कि वह रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म कराएंगे और अब वह उस दिशा में दबाव बनाते दिख रहे हैं। अमेरिका लगातार रूस और यूक्रेन दोनों पर बातचीत शुरू करने के लिए जोर दे रहा है।

ड्रोन हमला भी जारी, लेकिन तीव्रता में गिरावट

इसी बीच यूक्रेन की वायु सेना ने जानकारी दी है कि रूस ने सोमवार रात यूक्रेन पर 10 ईरानी शाहेद ड्रोन और कुछ नकली ड्रोन से हमला किया। हालांकि, यह इस साल का सबसे छोटा ड्रोन हमला माना जा रहा है। यह भी एक संकेत हो सकता है कि रूस भी बातचीत के संकेत दे रहा है, लेकिन खुले तौर पर अभी तक उसकी तरफ से कुछ कहा नहीं गया है।

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