Edited By rajesh kumar,Updated: 16 Mar, 2023 09:37 PM

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि विपक्षी दलों द्वारा विभिन्न मुद्दों पर उठाए जाने वालों सवालों और जवाबदेही से बचने के लिए सरकार संसद के दोनों सदनों में व्यवधान पैदा करवा रही है।
नेशनल डेस्क: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि विपक्षी दलों द्वारा विभिन्न मुद्दों पर उठाए जाने वालों सवालों और जवाबदेही से बचने के लिए सरकार संसद के दोनों सदनों में व्यवधान पैदा करवा रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेता डेरेक ओ'ब्रायन ने यह भी कहा कि दूसरे विपक्षी दल अडाणी समूह से जुड़े मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच चाहते हैं, लेकिन टीएमसी उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच चाहती है।
उनका यह भी कहना था कि टीएमसी और दूसरे विपक्षी दल इस बिंदु पर एकमत हैं कि जांच होनी चाहिए। पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी ने पहली बार एलआईसी और स्टेट बैंक में जोखिम भरे निवेश के संदर्भ में अडाणी समूह का उल्लेख किया, हालांकि वह यह मुद्दा पहले से उठा रही है। राज्यसभा में तृणमूल के नेता डेरेक ओ'ब्रायन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के तहत भाजपा संसद को एक अधंकार कक्ष में तब्दील कर रही है। वे नहीं चाहते कि संसद चले, क्योंकि सरकार संसद और जनता के प्रति जवाबदेह होती है।''
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी और शाह जनता के प्रति जवाबदेह नहीं होना चाहते, इसलिए वे संसद में गतिरोध पैदा करवाते हैं। ओ'ब्रायन का कहना था कि लोकसभा में चार साल से कोई उपाध्यक्ष नहीं है और प्रधानमंत्री मोदी ने 2016 से सदन में अब तक किसी सवाल का जवाब नहीं दिया। उन्होंने अडाणी समूह के मामले का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हमने संसद में यह मुद्दा पहले उठाया। टीएमसी का रुख स्पष्ट है कि हम उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच चाहते हैं और दूसरे दल जेपीसी जांच चाहते हैं। सभी विपक्षी दलों की राय समान है, हम जांच चाहते हैं।'' तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय ने आरोप लगाया कि सरकार संसद में अडाणी समूह के मामले पर चर्चा कराने से बच रही है।