UP के बाद अब असम सरकार लाएगी 'लव जिहाद' कानून, होगी उम्रकैद की सजा

Edited By Yaspal,Updated: 04 Aug, 2024 06:56 PM

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असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार जल्द ही 'लव जिहाद' के मामलों में आजीवन कारावास का कानून लाएगी। राज्य भाजपा कार्यकारिणी की बैठक में बोलते हुए उन्होंने कहा, "हमने चुनावों के दौरान 'लव जिहाद' के बारे में बात की थी

गुवाहाटीः असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार जल्द ही 'लव जिहाद' के मामलों में आजीवन कारावास का कानून लाएगी। राज्य भाजपा कार्यकारिणी की बैठक में बोलते हुए उन्होंने कहा, "हमने चुनावों के दौरान 'लव जिहाद' के बारे में बात की थी। जल्द ही हम एक कानून लाएंगे, जिसमें ऐसे मामलों में आजीवन कारावास की सजा होगी।" सरमा ने यह भी कहा कि जल्द ही एक नई अधिवास नीति पेश की जाएगी, जिसके तहत केवल असम में जन्मे लोग ही राज्य सरकार की नौकरियों के लिए पात्र होंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव पूर्व वादे के अनुसार प्रदान की गई "एक लाख सरकारी नौकरियों" में स्वदेशी लोगों को प्राथमिकता दी गई है, जो पूरी सूची प्रकाशित होने पर स्पष्ट हो जाएगी।

इससे पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 19 जुलाई को दावा किया कि उनके राज्य में मुस्लिम आबादी हर 10 साल में करीब 30 प्रतिशत बढ़ रही है और 2041 तक वे बहुसंख्यक बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि हर 10 साल में मुसलमानों की आबादी 11 लाख तक बढ़ जाती है। वहीं, हिंदू समुदायों की आबादी सिर्फ 16 प्रतिशत बढ़ रही।

सीएम सरमा ने कहा, "2011 में असम में 1।4 करोड़ मुस्लिम थे। 2041 तक असम मुस्लिम बहुल राज्य बन जाएगा। यह एक वास्तविकता है और इसे कोई नहीं रोक सकता।" मुख्यमंत्री ने कहा, "हर 10 साल में असम में मुस्लिम आबादी 11 लाख बढ़ जाती है। यह हिमंत बिस्वा सरमा का डेटा नहीं है, बल्कि भारतीय जनगणना का डेटा है। ये डेटा पब्लिश हो चुका है।" सरमा ने कहा कि हिंदू समुदाय की आबादी हर 10 साल में लगभग 16 प्रतिशत बढ़ रही है।

असम सरकार की योजना
असम सीएम ने कहा कि उनकी सरकार ने मुस्लिम समुदाय की जनसंख्या वृद्धि को कम करने के लिए कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कई लोगों ने हमारी मदद भी की है। अगर 'निजुत मोइना' योजना सफल होती है तो लड़कियां चिकित्सक और इंजीनियर बनेंगी। फिर वे (बच्चों को) जन्म नहीं देंगी।’’

इस योजना के तहत असम सरकार बाल विवाह को रोकने के उद्देश्य से कक्षा 11 से स्नातकोत्तर तक की छात्राओं को अगले पांच वर्षों तक 2,500 रुपये तक का मासिक मानदेय प्रदान करती है। उन्होंने कहा, 'पिछले तीन सालों में हमारी सरकार के उठाए गए कदमों से हमें कुछ परिणाम मिलेंगे, लेकिन समस्या बहुत बड़ी है।' उन्होंने ये भी पकहा, ‘‘ 2041 तक असम मुस्लिम बहुल राज्य बन जाएगा। यह एक वास्तविकता है और इसे कोई नहीं रोक सकता।

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