न्यायपालिका और सरकार की खींचतान के बीच बोले कानून मंत्री रिरीजू- 'जनता देश की मालिक, संविधान देश का गाइड'

Edited By Yaspal,Updated: 04 Feb, 2023 04:59 PM

amidst the tussle between the judiciary and the government lm ririju said

सरकार बनाम न्यायपालिका को लेकर चल रही बहस के बीच केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने शनिवार को यहां कहा कि इस देश का मालिक यहां की जनता है और ‘गाइड' (मार्गदर्शक) इस देश का संविधान है

नेशनल डेस्कः सरकार बनाम न्यायपालिका को लेकर चल रही बहस के बीच केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने शनिवार को यहां कहा कि इस देश का मालिक यहां की जनता है और ‘गाइड' (मार्गदर्शक) इस देश का संविधान है। हम सब लोग (विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका) जनता के सेवक हैं। रिजीजू इलाहाबाद उच्च न्यायालय परिसर में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की 150वीं वर्षगांठ के कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे। मंत्री ने कहा, “देश में कभी-कभी कुछ मामलों को लेकर चर्चा चलती है और लोकतंत्र में सभी को अपनी बात कहने का हक है। लेकिन जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों को कुछ कहने से पहले यह सोचना होगा कि इससे देश को फायदा होगा या नहीं।”

रिजीजू ने कहा, “इस समय पूरे देश में चार करोड़ 90 लाख मामले विभिन्न अदालतों में लंबित हैं। हम इस समस्या का समाधान निकाल रहे हैं। सबसे बड़ा उपाय प्रौद्योगिकी समाधान है। हाल ही में बजट में ई- कोर्ट फेज 3 के लिए 7000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।” उन्होंने कहा, “देश का सबसे बड़ा उच्च न्यायालय होने के नाते मेरी इच्छा है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ई-कोर्ट परियोजना लागू करने में अग्रणी भूमिका निभाए। सरकार ने 1486 पुराने और चलन से बाहर के कानून समाप्त किए हैं वर्तमान संसद सत्र में ऐसे 65 कानून हटाने की प्रक्रिया चल रही है।”

मंत्री ने कहा, “सरकार ने भारी संख्या में लंबित मामलों को देखते हुए लीगल इन्फार्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम (कानूनी सूचना प्रबंधन प्रणाली)लागू करने की तैयारी की है जिससे व्यक्ति किसी भी उच्च न्यायालय में मामला किस स्तर पर है, इसकी जानकारी एक क्लिक पर हासिल कर सकेगा।” रिजीजू ने कहा कि मध्यस्थता विधेयक तैयारी के अंतिम चरण में है और इसके पारित होने के बाद देश में समानांतर न्याय व्यवस्था स्थापित होगी। उन्होंने कहा कि मध्यस्थता की व्यवस्था पूर्ण न्यायिक व्यवस्था होगी; इससे छोटे-छोटे मामले अदालत के बाहर ही निपट जाएंगे और अदालतों पर बोझ घटेगा। समारोह में उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल, न्यायमूर्ति प्रितिंकर दिवाकर, न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा, महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्र और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राधाकांत ओझा शामिल हुए।

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