Edited By Mansa Devi,Updated: 18 May, 2025 03:45 PM

केंद्र ने पंजीकृत प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) को वित्तीय रूप से ‘बीमार' होने से बचाने के लिए कदम उठाए हैं। केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि पैक्स के परिसमापन की स्थिति में उनके तेजी से समाधान और उनके...
नेशनल डेस्क: केंद्र ने पंजीकृत प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) को वित्तीय रूप से ‘बीमार' होने से बचाने के लिए कदम उठाए हैं। केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि पैक्स के परिसमापन की स्थिति में उनके तेजी से समाधान और उनके स्थान पर नए पैक्स के पंजीकरण के लिए जल्द ही एक नीति बनेगी। केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार का लक्ष्य 2029 तक दो लाख नये पैक्स की स्थापना करना है। इन्हें 22 विभिन्न प्रकार के व्यवसायों से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने की व्यवस्था की जा रही है कि पंजीकृत पैक्स वित्तीय रूप से बीमार न हों।
शाह ने अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के अवसर पर यहां आयोजित सहकारी महासम्मेलन में कहा, ''केंद्र सरकार ने 22 विभिन्न प्रकार के व्यवसायों को पैक्स से जोड़ने का काम किया गया है और मुझे यकीन है कि आने वाले समय में एक भी पंजीकृत पैक्स वित्तीय रूप से बीमार नहीं होगा।'' उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जल्द ही परिसमापन में गए पैक्स के तेजी से समाधान और उनकी जगह नए पैक्स के पंजीकरण के लिए नीति लाने जा रही है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डेयरी क्षेत्र में आइसक्रीम, चीज, पनीर बनाने, दूध को ठंडा रखने और वसा मापने जैसे उपकरणों के निर्माण के लिए सहकारी स्वामित्व वाली कंपनियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार डेयरी क्षेत्र में चक्रिय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की योजना बना रही है, जिसमें मरने वाले पशुओं की खाल, हड्डियों और सींगों के उपयोग के लिए सहकारी समिति का गठन किया जाएगा।