Edited By Pardeep,Updated: 14 Jul, 2025 06:13 AM

भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को यमन में 16 जुलाई को फांसी दिए जाने की आशंका के बीच, उसे बचाने के लिए भारत के सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है।
नई दिल्ली: भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को यमन में 16 जुलाई को फांसी दिए जाने की आशंका के बीच, उसे बचाने के लिए भारत के सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस मामले की सुनवाई सोमवार (15 जुलाई) को न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ करेगी।
कौन हैं निमिषा प्रिया?
निमिषा प्रिया पर आरोप है कि उन्होंने 2017 में अपने यमनी बिजनेस पार्टनर की हत्या कर दी थी। इसके बाद उन्हें 2020 में मौत की सजा सुनाई गई थी। उन्होंने इस फैसले के खिलाफ अंतिम अपील की थी, जिसे 2023 में खारिज कर दिया गया। फिलहाल वे यमन की राजधानी सना (Sana’a) की जेल में बंद हैं।
क्या है सुप्रीम कोर्ट में याचिका का मकसद?
-
याचिका में केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है कि वह राजनयिक माध्यमों (diplomatic channels) का इस्तेमाल कर निमिषा प्रिया की फांसी रुकवाने के लिए प्रयास करे।
-
याचिका Save Nimisha Priya International Action Council नामक संगठन ने दायर की है, जो निमिषा को कानूनी सहायता भी दे रहा है।
-
याचिका में कहा गया है कि शरिया कानून के तहत 'ब्लड मनी' (रक्त-मूल्य) देकर पीड़ित परिवार से माफी मांगी जा सकती है।
क्या है 'ब्लड मनी' का प्रावधान?
-
शरिया कानून के अनुसार, यदि किसी की हत्या हुई हो, तो आरोपी पक्ष पीड़ित परिवार को एक तय रकम (ब्लड मनी) देकर माफी प्राप्त कर सकता है।
-
अधिवक्ता सुभाष चंद्रन केआर ने कहा कि यही रास्ता अपनाकर निमिषा की जान बचाई जा सकती है।
-
उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि इस मामले में तत्काल सुनवाई की जाए क्योंकि फांसी की संभावित तारीख 16 जुलाई है।
सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया:
क्या है अगला कदम?
-
सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर 15 जुलाई को सुनवाई करेगा।
-
अगर अदालत केंद्र सरकार को निर्देश देती है, तो सरकार यमन सरकार से संपर्क कर सकती है, ताकि ब्लड मनी की व्यवस्था करके निमिषा की फांसी रोकी जा सके।
परिवार और संगठन की अपील:
निमिषा प्रिया के परिवार और "Save Nimisha Priya International Action Council" ने भारत सरकार से अपील की है कि वह राजनयिक प्रयासों को तेज करे, ताकि 16 जुलाई से पहले कोई समाधान निकाला जा सके।