Edited By Rohini Oberoi,Updated: 09 Jul, 2025 09:44 AM

केंद्र सरकार की 'मजदूर-विरोधी, किसान-विरोधी और कॉर्पोरेट समर्थक नीतियों' के खिलाफ आज देशभर में 'भारत बंद' का आयोजन किया गया है। 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साझा मंच के आह्वान पर इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में बैंकिंग, परिवहन, डाक सेवाएं, कोयला खनन,...
नेशनल डेस्क। केंद्र सरकार की 'मजदूर-विरोधी, किसान-विरोधी और कॉर्पोरेट समर्थक नीतियों' के खिलाफ आज देशभर में 'भारत बंद' का आयोजन किया गया है। 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साझा मंच के आह्वान पर इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में बैंकिंग, परिवहन, डाक सेवाएं, कोयला खनन, निर्माण, बिजली सहित करीब 25 करोड़ कर्मचारी और ग्रामीण मजदूर भाग ले रहे हैं। इस हड़ताल को संयुक्त किसान मोर्चा (SKM), कृषि मजदूर यूनियन और अन्य क्षेत्रीय संगठनों का भी व्यापक समर्थन मिला है।
बिहार में ट्रेनों पर दिखा असर, यात्री परेशान
हड़ताल का असर सुबह से ही दिखना शुरू हो गया है। बिहार में राजद की छात्र शाखा के सदस्यों ने जहानाबाद रेलवे स्टेशन पर रेल की पटरियां जाम कर दीं, जिससे ट्रेनें रोकनी पड़ीं और यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। यह दर्शाता है कि हड़ताल का प्रभाव कई राज्यों में दिख रहा है।
क्या खुला और क्या रहेगा बंद? जानें आम जनजीवन पर असर
इस 'भारत बंद' के दौरान आम जनजीवन पर मिला-जुला असर देखने को मिल रहा है:
केरल में हड़ताल को लेकर असमंजस
केरल में हड़ताल की स्थिति को लेकर कुछ असमंजस की स्थिति है। केरल सरकार ने कहा है कि केएसआरटीसी (KSRTC) बसें सामान्य रूप से चलेंगी, लेकिन ट्रेड यूनियनों ने दावा किया है कि हड़ताल की सूचना पहले ही दी जा चुकी है और KSRTC कर्मचारी 'भारत बंद' में भाग लेंगे।
यूनियनों की प्रमुख मांगें और समर्थन
ट्रेड यूनियनों का आरोप है कि केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण, संविदा नौकरियों के विस्तार, बढ़ती बेरोजगारी और श्रम कानूनों में बदलाव कर मजदूरों के अधिकारों को कमजोर कर रही है। इसी वजह से 'भारत बंद' के माध्यम से सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाई जा रही है।
किसानों और ग्रामीण संगठनों का समर्थन: संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) और कृषि श्रमिक यूनियनों ने भी इस हड़ताल को समर्थन दिया है। किसानों और ग्रामीण मजदूरों के सहयोग से ग्रामीण इलाकों में व्यापक स्तर पर प्रदर्शन, जुलूस और सड़कों पर जाम की रणनीति बनाई गई है।
भारत बंद में प्रदर्शनकारियों की 10 प्रमुख मांगें:
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चार श्रम संहिताओं को वापस लिया जाए।
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युवाओं के लिए रोजगार सृजन एवं सरकारी रिक्तियों को भरा जाए।
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₹26,000 मासिक न्यूनतम वेतन की गारंटी दी जाए।
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पुरानी पेंशन योजना (OPS) बहाल की जाए।
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8 घंटे के कार्यदिवस की गारंटी हो।
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मनरेगा (MGNREGA) को शहरी क्षेत्रों तक बढ़ाया जाए।
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अग्निपथ योजना को रद्द किया जाए।
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हड़ताल और यूनियन बनाने के अधिकार सुरक्षित रखे जाएं।
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स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी सार्वजनिक सेवाओं को मजबूत किया जाए।
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निजीकरण की नीतियों को रोका जाए।
हड़ताल में शामिल प्रमुख संगठन (भारत बंद 9 जुलाई 2025):
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ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC)
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इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (INTUC)
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सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (CITU)
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हिंद मजदूर सभा (HMS)
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सेल्फ एम्प्लॉइड वुमेन्स एसोसिएशन (SEWA)
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ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (AIUTUC)
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ट्रेड यूनियन कोऑर्डिनेशन सेंटर (TUCC)
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लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (LPF)
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ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स (AICCTU)
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यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (UTUC)