Edited By Parveen Kumar,Updated: 24 Dec, 2025 07:49 PM

केंद्रीय मजदूर संघों के एक संयुक्त मंच ने सरकार की नीतियों के खिलाफ बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है। श्रमिकों, परमाणु ऊर्जा क्षेत्र और ग्रामीण रोजगार से जुड़े कानूनों में किए जा रहे बदलावों के विरोध में अगले साल फरवरी में देशव्यापी हड़ताल बुलाई गई...
नेशनल डेस्क: केंद्रीय मजदूर संघों के एक संयुक्त मंच ने सरकार की नीतियों के खिलाफ बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है। श्रमिकों, परमाणु ऊर्जा क्षेत्र और ग्रामीण रोजगार से जुड़े कानूनों में किए जा रहे बदलावों के विरोध में अगले साल फरवरी में देशव्यापी हड़ताल बुलाई गई है। मजदूर संगठनों का कहना है कि हालिया फैसले सीधे तौर पर श्रमिकों के अधिकारों और आजीविका पर हमला हैं।
मजदूर संघ सरकार द्वारा नवंबर में अधिसूचित चार नई श्रम संहिताओं का विरोध कर रहे हैं। इसके साथ ही संसद के शीतकालीन सत्र में पारित सतत परमाणु ऊर्जा के इस्तेमाल और उन्नयन के लिए भारत परिवर्तन (शांति) विधेयक को भी वे श्रमिक हितों के खिलाफ बता रहे हैं। गौरतलब है कि संसद का शीतकालीन सत्र हाल ही में 19 दिसंबर को समाप्त हुआ है।
‘विकसित भारत’ मिशन पर भी नाराज़गी
मजदूर संगठनों का विरोध यहीं तक सीमित नहीं है। वे विकसित भारत–रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G) विधेयक, 2025 के पारित होने के खिलाफ भी मोर्चा खोले हुए हैं। यह विधेयक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), 2005 की जगह लेगा।
VB-G RAM G के तहत ग्रामीण मजदूरों को हर वित्त वर्ष में 125 दिन के रोजगार की गारंटी देने का प्रावधान है। हालांकि, मजदूर संगठनों का आरोप है कि नई योजना में कटाई के मौसम के दौरान काम पर रोक का प्रावधान किया गया है, ताकि जमींदारों को सस्ता श्रम उपलब्ध कराया जा सके। इसे वे ग्रामीण मजदूरों के हितों के खिलाफ मान रहे हैं।
हड़ताल की तारीख का ऐलान
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) और नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्प्लॉइज एंड इंजीनियर्स (एनसीसीओईईई) ने भी इस आम हड़ताल को समर्थन दिया है। 10 मजदूर संगठनों के संयुक्त मंच ने मंगलवार को जारी बयान में कहा, “केंद्रीय श्रमिक संगठनों (सीटीयू) और विभिन्न क्षेत्रीय महासंघों/संघों के संयुक्त मंच ने श्रम संहिताओं और केंद्र सरकार द्वारा लोगों के अधिकारों व हकदारी पर किए जा रहे बहुआयामी हमलों के विरोध में 12 फरवरी, 2026 को देशव्यापी आम हड़ताल का आह्वान करने का फैसला किया है।”
9 जनवरी को लगेगी औपचारिक मुहर
मजदूर संगठनों ने स्पष्ट किया है कि हड़ताल की तारीख 9 जनवरी को नई दिल्ली में होने वाले राष्ट्रीय श्रमिक सम्मेलन में औपचारिक रूप से मंजूर की जाएगी। यह प्रस्तावित हड़ताल संसद के बजट सत्र के आसपास पड़ सकती है, जो हर साल फरवरी में आयोजित होता है।
भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) को छोड़कर आईएनटीयूसी, एआईटीयूसी और सीटू सहित सभी प्रमुख मजदूर संगठन इस संयुक्त मंच का हिस्सा हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि फरवरी में होने वाली यह हड़ताल सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।