Edited By Rohini Oberoi,Updated: 19 Sep, 2025 12:35 PM

मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक बीजेपी नेता के बेटे ने ₹1.40 करोड़ के कर्ज से बचने के लिए अपनी ही मौत का झूठा नाटक रचा। इस नाटक में पुलिस, प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमों ने 10 दिनों तक उसकी तलाश में नदी में...
नेशनल डेस्क। मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक बीजेपी नेता के बेटे ने ₹1.40 करोड़ के कर्ज से बचने के लिए अपनी ही मौत का झूठा नाटक रचा। इस नाटक में पुलिस, प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमों ने 10 दिनों तक उसकी तलाश में नदी में अभियान चलाया लेकिन बाद में उसका झूठ पकड़ा गया।
क्या था पूरा मामला?
पूरा मामला तब शुरू हुआ जब 5 सितंबर को कालीसिंध नदी में एक कार डूबने की खबर मिली। यह कार बीजेपी नेता महेश सोनी के बेटे विशाल सोनी की थी। सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया और गोताखोरों की मदद से कार को नदी से बाहर निकाला लेकिन कार खाली थी और विशाल का कोई सुराग नहीं मिला। इससे पूरा परिवार और प्रशासन परेशान हो गया। लगभग दो सप्ताह तक एसडीआरएफ की तीन अलग-अलग टीमों ने 20 किलोमीटर तक नदी में उसकी तलाश की।

कॉल रिकॉर्ड ने खोला राज
8 दिनों तक कोई सुराग न मिलने पर पुलिस को शक हुआ। पुलिस अधिकारी आकांक्षा हाड़ा ने बताया कि जब उन्होंने विशाल के पिता और भाइयों से सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने कबूल किया कि विशाल मरा नहीं है और वह कहीं छिपा हुआ हो सकता है। पुलिस ने विशाल के मोबाइल कॉल डिटेल रिकॉर्ड की जांच की जिससे उसकी लोकेशन महाराष्ट्र में मिली।
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मध्य प्रदेश पुलिस ने महाराष्ट्र पुलिस की मदद से विशाल को संभाजी नगर जिले के फर्डापुर पुलिस स्टेशन इलाके से बरामद कर लिया। चौंकाने वाली बात यह थी कि पकड़े जाने से पहले विशाल ने पुलिस को बरगलाने के लिए खुद के अपहरण की झूठी रिपोर्ट दर्ज करा दी थी।
लोन से बचने के लिए रचा नाटक
पूछताछ के दौरान विशाल ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने बताया कि वह ट्रांसपोर्ट का बिजनेस करता है और उस पर बैंकों का ₹1.40 करोड़ से ज्यादा का कर्ज था। उसे लगा कि अगर बैंक में उसकी मौत का डेथ सर्टिफिकेट जमा कर दिया जाएगा तो लोन माफ हो जाएगा।
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विशाल ने 5 सितंबर की सुबह 5 बजे अपनी कार की हेडलाइट बंद की उसे नदी में धकेला और ड्राइवर की बाइक लेकर इंदौर चला गया। अखबारों में अपनी मौत की खबरें पढ़ने के बाद वह शिरडी और शनि शिंगनापुर जाकर पूजा-पाठ करने लगा था।