Edited By Anu Malhotra,Updated: 28 Apr, 2022 10:21 AM

देश में एक बार फिर से कोरोना पैर पसारने लगा है। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सरकार जल्द ही बूस्टर डोज को लेकर एक बड़ा बदलाव करने जा रही हैं। दरअसल, सरकार वैक्सीन की दूसरी डोज और बूस्टर डोज के बीच के गैप को कम करके 6 महीने कर सकती है फिलहाल अभी...
नेशनल डेस्क: देश में एक बार फिर से कोरोना पैर पसारने लगा है। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सरकार जल्द ही बूस्टर डोज को लेकर एक बड़ा बदलाव करने जा रही हैं। दरअसल, सरकार वैक्सीन की दूसरी डोज और बूस्टर डोज के बीच के गैप को कम करके 6 महीने कर सकती है फिलहाल अभी कोरोना की दूसरी डोज के 9 महीने बाद ही बूस्टर डोज लगवाई जा सकती है।
अधिकारियों ने बताया कि नेशनल इम्यूनाइजेशन टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप (NTAGI) की 29 अप्रैल को बैठक होनी है जिसमें एडवाइजरी ग्रुप दूसरी डोज और बूस्टर डोज के बीच के समय को कम करने की सिफारिश कर सकता है।
इस मामले से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि देश और विदेश में वैज्ञानिकों के सुझाव और स्टडी के नतीजों के आधार पर जल्द कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज और बूस्टर डोज के बीच समय अंतराल 9 महीने से घटाकर 6 महीने का किया जा सकता है, हालांकि, अंतिम फैसला NTAGI के सुझाव पर लिया जाएगा। NTAGI की शुक्रवार को अहम बैठक होनी है।
क्यों जरुरी बूस्टर डोज?
ICMR की नई स्टडी के मुताबिक, बूस्टर डोज संक्रमण को काबू करने में काफी असरदार साबित हुई है। 29 मार्च को राज्यसभा में स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती पवार ने बताया था कि एस्ट्राजैनेका या कोविशील्ड की तीसरी डोज को लेकर जो अंतरराष्ट्रीय डेटा सामने आया है, उसके मुताबिक इस वैक्सीन की तीसरी डोज के बाद एंटीबॉडी में 3 से 4 गुना की बढ़ोतरी हुई है।