Edited By Niyati Bhandari,Updated: 11 Sep, 2019 07:14 AM
आज भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। इस रोज़ भगवान शिव के निमित्त प्रदोष व्रत किए जाने का विधान है। इन दिनों गणेश उत्सव चल रहा है। जो 2 सितंबर से लेकर 12 सितंबर तक रहने वाला है।
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आज भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। इस रोज़ भगवान शिव के निमित्त प्रदोष व्रत किए जाने का विधान है। इन दिनों गणेश उत्सव चल रहा है। जो 2 सितंबर से लेकर 12 सितंबर तक रहने वाला है। आज 11 सितंबर, बुधवार का दिन जो बप्पा के फेवरेट दिनों में से एक है और साथ में बुध प्रदोष व्रत का सुंदर संयोग बन रहा है। त्रयोदशी व्रत में शाम को भगवान शिव का पूजन किए जाने का विधान है और आजकल गणेश जी की पूजा भी शाम को हो रही है। अत: असरकारी फलदायी गणेश मंत्रों का जाप करने से भगवान शिव बहुत प्रसन्न होंगे और आपकी किसी भी तरह की मनोकामना पूरी होगी।
उच्छिष्ट गणपति का मंत्र: ॐ हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा
आलस्य, निराशा, कलह, विघ्न दूर करने के लिए विघ्नराज रूप की आराधना का यह मंत्र जपें: गं क्षिप्रप्रसादनाय नम:
विघ्न को दूर करके धन व आत्मबल की प्राप्ति के लिए हेरम्ब गणपति का मंत्र जपें: ॐ गूं नम:
रोजगार की प्राप्ति व आर्थिक वृद्धि के लिए लक्ष्मी विनायक मंत्र का जप करें: ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।
विवाह में आने वाले दोषों को दूर करने वालों को त्रैलोक्य मोहन गणेश मंत्र का जप करने से शीघ्र विवाह व अनुकूल जीवनसाथी की प्राप्ति होती है: ॐ वक्रतुंडैक दंष्ट्राय क्लीं ह्वीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।
इन मंत्रों का जाप करने से पहले रखें इन बातों का ध्यान- शाम को स्नान करने के बाद ही पूजा करना आरंभ करें।
बुधवार के स्वामी बुध ग्रह भी है, जो बुद्धि के कारक भी माने जाते हैं। इस तरह बुद्धि प्रधानता वाले दिवस पर बुद्धि के दाता श्री गणेश की मोदक का भोग लगाकर पूजा प्रखर बुद्धि व संकल्प के साथ सुख-सफलता व शांति की राह पर आगे बढऩे की प्रेरणा व ऊर्जा से भर देती है।