Edited By Anu Malhotra,Updated: 06 Nov, 2025 11:43 AM

भारत के बड़े शहरों में घर खरीदना हमेशा से निवेश और संपत्ति बनाने का सबसे भरोसेमंद तरीका माना जाता रहा है। लेकिन फाइनेंशियल एक्सपर्ट सुजय यू ने हाल ही में लिंक्डइन पर एक पोस्ट के जरिए इस धारणा को चुनौती दी है। उनका कहना है कि मुंबई, बेंगलुरु जैसे...
नेशनल डेस्क: भारत के बड़े शहरों में घर खरीदना हमेशा से निवेश और संपत्ति बनाने का सबसे भरोसेमंद तरीका माना जाता रहा है। लेकिन फाइनेंशियल एक्सपर्ट सुजय यू ने हाल ही में लिंक्डइन पर एक पोस्ट के जरिए इस धारणा को चुनौती दी है। उनका कहना है कि मुंबई, बेंगलुरु जैसे मेट्रो शहरों में अब घर खरीदना जरूरी नहीं कि आपके लिए वेल्थ बनाने का “गोल्डन टिकट” साबित हो। इसके बजाय किराए पर रहना और स्मार्ट निवेश करना शहरी भारतीयों के लिए ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।
सुजय यू के अनुसार, आज इन शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतें इतनी ज्यादा हो गई हैं कि आम परिवार के लिए घर खरीदना वित्तीय बोझ बन चुका है। उदाहरण के लिए, मुंबई में एक 2BHK फ्लैट की कीमत अब ₹2-2.2 करोड़ और बेंगलुरु में ₹1.2-1.4 करोड़ तक पहुंच चुकी है। यह परिवार की वार्षिक आय का 8-12 गुना है, जबकि वैश्विक मानक 3-5 गुना माना जाता है।
EMI बन रही बड़ी चुनौती
सुजय यू बताते हैं कि ₹2 करोड़ के फ्लैट की EMI ₹1.4 लाख से अधिक होती है, जो आम परिवार की आय का 50-70% हिस्सा ले जाती है। जबकि वित्तीय विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि EMI आय का 30% से अधिक नहीं होनी चाहिए। इतना ही नहीं, पिछले दशक में संपत्ति पर रिटर्न भी बहुत कम रहा है। मुंबई में 2013-2023 के बीच प्रॉपर्टी की कीमतों में लगभग 1% तक गिरावट आई है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर कीमतें केवल 3% सालाना बढ़ीं। इसके मुकाबले, किराए से मिलने वाला रिटर्न 2% के आसपास है, जो दुनिया के हिसाब से काफी कम है।
किराए पर रहकर बना सकते हैं ज्यादा संपत्ति
सुजय ने एक उदाहरण देते हुए बताया कि बेंगलुरु के व्हाइटफील्ड इलाके में कई युवा किराएदार, जो घर खरीदने के बजाय EMI और किराए के अंतर को SIP में निवेश कर रहे हैं, दो दशक में उन दोस्तों से अधिक संपत्ति जमा कर पाएंगे, जो बड़ी होम लोन की किस्तों में फंसे हुए हैं।
घर खरीदने से पहले खुद से पूछें ये सवाल
सुजय यू कहते हैं कि घर खरीदने से पहले हर खरीदार को खुद से यह सवाल पूछना चाहिए:-
क्या मेरी EMI मेरी आय का बड़ा हिस्सा खा रही है?
मेरा असली रिटर्न क्या है?
क्या मैं अपनी आज़ादी और निवेश की क्षमता खो रहा हूं?
वास्तव में, अब कई 35 साल से कम उम्र के शहरी भारतीय यही सोच रहे हैं कि किराए पर रहना और स्मार्ट निवेश करना उन्हें वित्तीय रूप से मजबूत बना सकता है।