Edited By Radhika,Updated: 22 Dec, 2025 05:27 PM

अक्सर लोग कहते हैं कि डिप्रेशन (अवसाद) हमारे शरीर पर बुरा प्रभाव डालता है। ये बीमारी आपके दिमाग के साथ दिल को भी बीमार कर सकती है। मेडिकल जर्नल Circulation: Cardiovascular Imaging (AHA) में प्रकाशित एक नई रिसर्च के मुताबिक डिप्रेशन से जूझ रहे लोगों...
नेशनल डेस्क: अक्सर लोग कहते हैं कि डिप्रेशन (अवसाद) हमारे शरीर पर बुरा प्रभाव डालता है। ये बीमारी आपके दिमाग के साथ दिल को भी बीमार कर सकती है। मेडिकल जर्नल Circulation: Cardiovascular Imaging में प्रकाशित एक नई रिसर्च के मुताबिक डिप्रेशन से जूझ रहे लोगों में हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हार्ट फेल्योर का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में कहीं अधिक होता है। हैरानी की बात यह है कि जो लोग बाहर से पूरी तरह फिट दिखते हैं, अगर वे अंदरूनी तौर पर डिप्रेशन के शिकार हैं, तो उनका दिल भी खतरे के घेरे में है।
ये भी पढ़ें- रुह कंपाने वाली घटना: पत्नी के अवैध संबंधों में रोड़ा बना पति तो कटर से काट डाला शरीर, लाश के किए टुकड़े-टुकड़े और फिर गंगा जी में बहाए
क्या कहती है रिपोर्ट?
इस स्टडी में शोधकर्ताओं ने 85,000 से ज्यादा लोगों के स्वास्थ्य डेटा का विश्लेषण किया। रिसर्च में पाया गया कि डिप्रेशन के कारण शरीर का 'तनाव तंत्र' हमेशा एक्टिव रहता है, जिससे ब्लड प्रेशर और इंफ्लेमेशन (सूजन) बढ़ जाती है। ब्रेन स्कैन में पाया गया कि डिप्रेशन के शिकार लोगों के दिमाग का 'एमिग्डाला' (डर और तनाव कंट्रोल करने वाला हिस्सा) जरूरत से ज्यादा सक्रिय रहता है। जो लोग डिप्रेशन के साथ-साथ एंग्जायटी (घबराहट) के भी शिकार हैं, उनमें दिल की बीमारियों का जोखिम सबसे ज्यादा पाया गया।

क्यों बढ़ जाता है खतरा?
डॉक्टरों के अनुसार जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक उदास या तनाव में रहता है, तो उसका शरीर फाइट या फ्लाइट मोड (हमेशा सतर्क रहने की स्थिति) में रहता है। इससे दिल की धड़कनें अनियमित हो जाती हैं और नसों में सूजन आने लगती है, जो आगे चलकर हार्ट ब्लॉकेज या अटैक का कारण बनती है।
ये भी पढ़ें- Mahindra Car Discount :जल्दी करें! कहीं हाथ से निकल न जाए ये मौका, महिंद्रा इन गाड़ियों पर दे रहा है लाखों का डिस्काउंट
डॉक्टरों की सलाह
विशेषज्ञों का कहना है कि अब समय आ गया है जब हम मानसिक स्वास्थ्य को भी कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर की तरह गंभीरता से लें। यदि आप या आपके परिचित लंबे समय से उदासी, थकान या अरुचि महसूस कर रहे हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें। समय पर काउंसलिंग और इलाज न केवल मन को खुश रखता है, बल्कि आपके दिल की उम्र भी बढ़ाता है।