आतंकवाद के खात्मे के लिए अमेरिकी मॉडल अपनाए भारत: जनरल बिपिन रावत

Edited By Seema Sharma,Updated: 16 Jan, 2020 11:44 AM

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प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) जनरल बिपिन रावत ने आतंक के प्रयोजक देशों के खिलाफ सख्त वैश्विक कार्रवाई की मांग की और कहा कि इससे निर्णायक ढंग से निपटना होगा तथा आतंक की जड़ पर प्रहार करना होगा।

नई दिल्ली: प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) जनरल बिपिन रावत ने आतंक के प्रयोजक देशों के खिलाफ सख्त वैश्विक कार्रवाई की मांग की और कहा कि इससे निर्णायक ढंग से निपटना होगा तथा आतंक की जड़ पर प्रहार करना होगा। रायसीना डायलॉग को संबोधित करते हुए जनरल रावत ने यह भी कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए बेहद कड़ा रुख अपनाने की जरूरत है, उसी तरह जिस तरह 9/11 आतंकी हमले के बाद अमेरिका ने आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई की थी।

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परोक्ष रूप से पाकिस्तान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, जब तक आतंकवाद प्रायोजित करने वाले देश हैं, तब तक हमें इस खतरे का सामना करते रहना होगा। हमें इससे निर्णायक ढंग से निपटना होगा और इसकी जड़ पर वार करना होगा। जनरल रावत ने कहा, अगर हमें लगता है कि आतंकवाद के खिलाफ युद्ध खत्म होने वाला है, तो हम गलत हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद प्रायोजित करने वाले देश आतंकी तंत्र के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का हिस्सा नहीं हो सकते। उन्होंने कहा, ऐसे लोग साथी नहीं हो सकते जो आतंकवाद पर वैश्विक युद्ध में भागीदारी कर रहे हों और साथ ही आतंकवाद को प्रायोजित भी कर रहे हों...आतंकवाद प्रयोजित करने वाले देशों को राजनयिक स्तर पर अलग-थलग करना चाहिए, आतंकवाद के प्रायोजक किसी भी देश को जवाबदेह ठहराना होगा।  

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प्रमुख रक्षा अध्यक्ष ने कट्टरवाद पर लगाम कसने के बारे में कहा कि सही लोगों को निशाना बनाकर यह किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कट्टरवादी विचारधारा से निपटने की जरूरत है। तालिबान के साथ बातचीत का समर्थन करने के सवाल पर जनरल रावत ने कहा कि सभी के साथ शांतिवार्ता शुरू करना चाहिए लेकिन इस शर्त पर कि वे आतंकवाद को छोड़ें। 

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