CDS के बयान से उठा सियासी तूफान, कांग्रेस बोली- क्या देश से कुछ छिपाया गया?

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 31 May, 2025 07:00 PM

congress said was anything hidden from the country

भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने सिंगापुर में एक इंटरव्यू के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के एक विवादित दावे को सिरे से खारिज कर दिया। शहबाज ने हाल ही में दावा किया था कि पाकिस्तानी सेना ने भारत के छह लड़ाकू विमानों...

नेशनल डेस्क: भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने सिंगापुर में एक इंटरव्यू के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के एक विवादित दावे को सिरे से खारिज कर दिया। शहबाज ने हाल ही में दावा किया था कि पाकिस्तानी सेना ने भारत के छह लड़ाकू विमानों को मार गिराया जिनमें चार राफेल जेट शामिल थे। CDS चौहान ने इस दावे को झूठा और बेबुनियाद बताया। लेकिन इस इंटरव्यू के सामने आने के बाद देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है।

खड़गे ने सरकार से पूछे कड़े सवाल

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर सवाल उठाते हुए कहा कि सीडीएस के बयान से कई गंभीर सवाल खड़े होते हैं। उन्होंने पूछा, "क्या देश से कुछ छिपाया गया?" खड़गे ने कहा कि इन सवालों का जवाब तभी मिल सकता है जब संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए और पूरी स्थिति पर सरकार खुलकर चर्चा करे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने देश को गुमराह किया है लेकिन अब सच धीरे-धीरे सामने आ रहा है।
 


क्या हुआ था ऑपरेशन सिंदूर के दौरान?

CDS चौहान के बयान के अनुसार, भारतीय वायुसेना ने एक ऑपरेशन में शुरुआती गलती को सुधारा, उसे फिर से लागू किया और दो दिन बाद अपने विमान भेजकर दुश्मन को लंबी दूरी से निशाना बनाया। खड़गे ने कहा कि हमारे जवानों ने दुश्मन से लड़ते हुए अपने प्राणों की बाज़ी लगाई। इस दौरान कुछ क्षति भी हुई लेकिन हमारे जवान सुरक्षित हैं। उन्होंने सवाल किया कि इस पूरी कार्रवाई की जानकारी देश को क्यों नहीं दी गई? 
खड़गे ने मांग की है कि 'कारगिल समीक्षा समिति' की तर्ज़ पर एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति बनाई जाए जो देश की रक्षा तैयारियों की व्यापक और पारदर्शी समीक्षा करे। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसी किसी भी स्थिति में देश पूरी तरह से तैयार रहे और सच्चाई सामने आ सके।

सीजफायर पर सरकार की चुप्पी पर निशाना

खड़गे ने एक और बड़ा आरोप लगाया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जिस सीजफायर की बात दोहराई है वह भारत और पाकिस्तान के बीच 1972 में हुए शिमला समझौते का उल्लंघन है। खड़गे ने सवाल किया कि इस पर केंद्र सरकार और खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब तक चुप क्यों हैं? उन्होंने कहा कि यहां तक कि अमेरिकी वाणिज्य सचिव ने एक अदालत में हलफ़नामा दायर कर सीजफायर की पुष्टि भी की है लेकिन भारत सरकार ने न तो इसका खंडन किया और न ही जनता को कोई स्पष्ट जानकारी दी। खड़गे ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी इन दिनों चुनावी रैलियों में व्यस्त हैं और सुरक्षा बलों की वीरता का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार वीर जवानों की बहादुरी को भी अपने फायदे के लिए छिपा रही है और सीजफायर जैसे गंभीर मुद्दे पर स्पष्ट जानकारी देने से बच रही है।

जयराम रमेश का बड़ा बयान - "अघोषित आपातकाल"

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर मोदी सरकार पर कड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों से देश अघोषित आपातकाल जैसी स्थिति में है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री न तो सर्वदलीय बैठक बुलाते हैं न ही संसद को विश्वास में लेते हैं। देश को ऑपरेशन सिंदूर जैसे संवेदनशील सैन्य घटनाक्रम की जानकारी सिंगापुर से मिलती है। क्या प्रधानमंत्री विपक्ष को पहले से विश्वास में नहीं ले सकते थे?"

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