Edited By Shubham Anand,Updated: 28 Dec, 2025 05:44 PM
वर्ष 2025 भारत के लिए कूटनीतिक सफलताओं का साल रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वर्ष 23 विदेश यात्राएं कीं, जिसकी शुरुआत फरवरी में फ्रांस से हुई और समापन दिसंबर में ओमान दौरे के साथ हुआ। इन दौरों के दौरान अमेरिका के साथ COMPACT समझौता, ब्रिटेन के...
नेशनल डेस्क : साल 2025 अब अपने अंतिम पड़ाव पर है और यह वर्ष भारत के लिए कई मायनों में चुनौतीपूर्ण लेकिन निर्णायक साबित हुआ है। आतंकी हमलों, पाकिस्तान के साथ सैन्य टकराव और अमेरिका के साथ टैरिफ विवाद जैसे मुद्दों के बीच भारत ने न सिर्फ आंतरिक मोर्चे पर मजबूती दिखाई, बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी विदेश नीति को भी नई धार दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2025 में कुल 23 विदेश यात्राएं कीं, जिनके जरिए भारत के राष्ट्रीय हितों को मजबूती से वैश्विक मंच पर रखा गया और देश की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को और ऊंचाई मिली।
प्रधानमंत्री मोदी ने फरवरी 2025 में फ्रांस यात्रा से अपने विदेश दौरों की शुरुआत की थी, जबकि साल के अंत में ओमान यात्रा के साथ इन दौरों का समापन हुआ। ओमान में पीएम मोदी का भव्य और विशेष स्वागत भारत की बढ़ती वैश्विक साख का प्रतीक माना गया। इन 23 विदेश यात्राओं ने न केवल द्विपक्षीय और बहुपक्षीय रिश्तों को मजबूत किया, बल्कि भारत की विदेश नीति को भी नए आयाम दिए।
पीएम मोदी के विदेश दौरों से कैसे मजबूत हुई भारत की विदेश नीति
11-12 फरवरी: प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस में आयोजित एआई समिट में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ शामिल हुए। इस मंच से उन्होंने भारत के AI मिशन को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत किया और यह घोषणा की कि भारत 2026 में AI समिट की मेजबानी करेगा। इस दौरे से भारत-फ्रांस संबंध और प्रगाढ़ हुए।
12-13 फरवरी: अमेरिका दौरे के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पीएम मोदी का स्वागत किया। दोनों देशों के बीच कई अहम समझ बने। US-India COMPACT की शुरुआत हुई और 2030 तक 500 बिलियन डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार का लक्ष्य तय किया गया। इस दौरान BTA, इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर और I2U2 पर भी बातचीत हुई। तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी भी इसी दौरे की बड़ी उपलब्धि रही।
11-12 मार्च: पीएम मोदी मॉरीशस के राजकीय दौरे पर पहुंचे और वहां राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि रहे। भारत के ‘विजन सागर’ के लिहाज से यह दौरा बेहद अहम माना गया।
3-4 अप्रैल: BIMSTEC शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पीएम मोदी थाईलैंड गए। इस दौरान थाई प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा हुई, जिसे भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ का अहम हिस्सा माना गया।
4-6 अप्रैल: श्रीलंका के राजकीय दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी ने नई सरकार के गठन के बाद पहला दौरा किया। संकट के समय भारत द्वारा निभाई गई ‘फर्स्ट रिस्पॉन्डर’ की भूमिका को दोहराया गया, जो ‘नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी’ को दर्शाता है।
22 अप्रैल: सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस के निमंत्रण पर पीएम मोदी सऊदी अरब पहुंचे। इस दौरान भारत-सऊदी रणनीतिक साझेदारी परिषद की बैठक हुई। पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा भी की गई।
15-16 जून: प्रधानमंत्री मोदी का साइप्रस का आधिकारिक दौरा हुआ, जो बीते दो दशकों में किसी भारतीय पीएम का पहला दौरा था। भूमध्यसागरीय क्षेत्र में भारत की सक्रियता को यह दौरा दर्शाता है।
16-17 जून: कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के निमंत्रण पर पीएम मोदी G7 शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। भारत-कनाडा संबंधों में जमी बर्फ पिघलने लगी और उच्चायुक्तों की दोबारा तैनाती पर सहमति बनी।
18 जून: किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला क्रोएशिया दौरा, जिसे भारत-यूरोप संबंधों के लिए एक अहम मील का पत्थर माना गया।
2-3 जुलाई: तीन दशकों में पहली बार किसी भारतीय पीएम ने घाना का दौरा किया। भारत-घाना संबंधों को रणनीतिक साझेदारी का दर्जा मिला और पीएम मोदी को घाना के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया।
3-4 जुलाई: त्रिनिदाद और टोबैगो दौरे के दौरान पीएम मोदी ने वहां की संयुक्त संसद को संबोधित किया और ग्लोबल साउथ के मुद्दों पर भारत की भूमिका को रेखांकित किया।
4-5 जुलाई: अर्जेंटीना दौरे में दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती देने पर चर्चा हुई। 57 वर्षों बाद किसी भारतीय पीएम का यह पहला अर्जेंटीना दौरा था।
5-8 जुलाई: ब्राजील में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद पीएम मोदी ब्रासीलिया पहुंचे। अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को 20 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य तय किया गया।
9 जुलाई: नामीबिया के राजकीय दौरे में पीएम मोदी ने संसद को संबोधित किया और सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त किया।
23-24 जुलाई: ब्रिटेन दौरे में भारत-यूके CETA की घोषणा हुई और ‘इंडिया-यूके विजन 2035’ को स्वीकार किया गया।
25-26 जुलाई: मालदीव दौरे में पीएम मोदी राष्ट्रीय दिवस समारोह के मुख्य अतिथि बने। यह भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक जीत मानी गई।
29-30 अगस्त: जापान में 15वें भारत-जापान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी शामिल हुए।
31 अगस्त-1 सितंबर: 2018 के बाद पहली बार पीएम मोदी चीन गए और SCO बैठक में हिस्सा लिया। भारत-चीन संबंधों में नई शुरुआत के संकेत मिले।
11-12 नवंबर: भूटान दौरे के दौरान कई अहम परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया।
21-23 नवंबर: दक्षिण अफ्रीका में G20 शिखर सम्मेलन में भाग लेकर पीएम मोदी ने कई वैश्विक नेताओं से द्विपक्षीय वार्ता की।
15-16 दिसंबर: जॉर्डन दौरे में क्षेत्रीय कूटनीति पर अहम चर्चा हुई।
16-17 दिसंबर: इथोपिया दौरे में दोनों देशों के संबंधों को रणनीतिक साझेदारी का दर्जा मिला।
17-18 दिसंबर: ओमान दौरे में भारत-ओमान CEPA का ऐलान हुआ और खाड़ी देशों के साथ भारत के मजबूत होते संबंधों की झलक दिखी।