कांग्रेस के विरोध के बाद दिग्विजय सिंह का अपने बयान से यू-टर्न, बोले- 'RSS का विरोधी था और रहूंगा'

Edited By Updated: 28 Dec, 2025 06:06 PM

digvijaya singh rss organization remark congress bjp clash pm modi photo

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के संघ (RSS) की कार्यप्रणाली की प्रशंसा वाले ट्वीट पर सियासी बवाल मच गया है। दिग्विजय ने पीएम मोदी की एक पुरानी तस्वीर साझा कर संगठन की शक्ति का जिक्र किया था, जिस पर बीजेपी ने राहुल गांधी पर तंज कसा। हालांकि, विवाद बढ़ते...

नेशनल डेस्क : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने हाल ही में दिए गए अपने विवादित बयान के बाद सफाई देते हुए स्पष्ट कर दिया कि वे नाथूराम गोडसे या किसी सांप्रदायिक संगठन से कुछ सीखने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वे हमेशा संघ की विचारधारा के विरोधी रहे हैं और रहेंगे, लेकिन हर राजनीतिक और सामाजिक संगठन को मजबूत बनाने की जरूरत होती है।

विवाद की शुरुआत
यह विवाद शनिवार को शुरू हुआ, जब दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 1995 की एक पुरानी तस्वीर साझा की। इस तस्वीर में मोदी तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी के पास जमीन पर बैठे दिखाई दे रहे थे। दिग्विजय ने पोस्ट में लिखा कि संघ और जनसंघ के जमीनी कार्यकर्ता कैसे मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बन जाते हैं, यह संगठन की ताकत है। उन्होंने कांग्रेस के अन्य नेताओं को टैग करते हुए इसे संगठन की शक्ति बताया। यह पोस्ट कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक से ठीक पहले आई थी, जिसमें पार्टी संगठन को मजबूत करने पर चर्चा हो रही थी।

बीजेपी का हमला
पोस्ट वायरल होने के बाद बीजेपी ने इसे कांग्रेस में असंतोष का संकेत बताया। बीजेपी प्रवक्ताओं ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि दिग्विजय ने पार्टी की आंतरिक स्थिति उजागर कर दी। बीजेपी ने यह भी कहा कि कांग्रेस में परिवारवाद है, जबकि संघ-बीजेपी में जमीनी कार्यकर्ता शीर्ष पदों तक पहुंचते हैं।

दिग्विजय सिंह ने दी सफाई
विवाद बढ़ने के बाद रविवार को दिग्विजय सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जो कहना था, वह कह चुका हूं। उन्होंने बताया कि वे 50 साल से कांग्रेस में हैं और विधानसभा, संसद और संगठन में हमेशा सांप्रदायिक ताकतों से लड़ते आए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि गोडसे जैसे हत्यारों से कांग्रेस को कुछ सीखने की जरूरत नहीं है।

कांग्रेस में प्रतिक्रियाएं विभाजित
कांग्रेस के अंदर भी इस बयान को लेकर मतभेद नजर आए। प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि संघ से कुछ सीखने की जरूरत नहीं है और गोडसे वाली संगठन गांधी वाली संगठन को क्या सिखाएगी। सुप्रिया श्रीनेट ने कहा कि संघ को कांग्रेस से सीखना चाहिए, क्योंकि कांग्रेस ने स्वतंत्रता संग्राम लड़ा। अलका लांबा ने संघ को ब्रिटिश समर्थक बताया।

दूसरी ओर, शशि थरूर और सलमान खुर्शीद ने दिग्विजय सिंह का समर्थन किया। थरूर ने कहा कि पार्टी में अनुशासन आवश्यक है और कांग्रेस के 140 साल के इतिहास से बहुत कुछ सीखा जा सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि संगठन को मजबूत बनाने की आवश्यकता है। सलमान खुर्शीद ने कहा कि प्रशंसा और तथ्यों को अलग-अलग देखा जाना चाहिए, और संघ की विचारधारा भारत के विचारों के विपरीत है।

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!