Edited By Mansa Devi,Updated: 28 May, 2025 12:37 PM

मणिपुर में एक सरकारी बस पर “मणिपुर” शब्द को ढकने की घटना ने जनभावनाओं को आहत कर दिया है। इसके विरोध में मंगलवार को लोगों ने कई केंद्रीय सरकारी दफ्तरों पर ताले जड़ दिए और उग्र प्रदर्शन किए। यह विवाद अब राजनीतिक, सामाजिक और प्रशासनिक रूप से राज्य में...
नेशनल डेस्क: मणिपुर में एक सरकारी बस पर “मणिपुर” शब्द को ढकने की घटना ने जनभावनाओं को आहत कर दिया है। इसके विरोध में मंगलवार को लोगों ने कई केंद्रीय सरकारी दफ्तरों पर ताले जड़ दिए और उग्र प्रदर्शन किए। यह विवाद अब राजनीतिक, सामाजिक और प्रशासनिक रूप से राज्य में गहराता जा रहा है।
सरकारी बस पर राज्य का नाम क्यों ढका गया?
20 मई को सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा पत्रकारों को उखरूल जिले में शिरुई लिली महोत्सव की कवरेज के लिए ले जाया जा रहा था। रास्ते में ग्वालताबी चेकपोस्ट पर सुरक्षाबलों ने बस पर “मणिपुर” लिखा हुआ हिस्सा कागज़ से ढकने को मजबूर किया। बस पर राज्य का नाम ढकने को मेइती समुदाय ने राज्य की अखंडता के खिलाफ अपमानजनक कदम माना।

जनता ने किया केंद्र सरकार के कार्यालयों का घेराव
इस घटना से नाराज़ कोकोमी और उसकी छात्र इकाई ने आंदोलन तेज करते हुए इंफाल और आसपास के इलाकों में केंद्र सरकार के कार्यालयों में तालाबंदी शुरू कर दी। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और मुख्य निर्वाचन कार्यालय को घेरकर कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया गया।
‘माफी मांगो या मणिपुर छोड़ो’ – प्रदर्शनकारियों की मांग
प्रदर्शनकारी राज्यपाल और अन्य शीर्ष अधिकारियों से सार्वजनिक माफी की मांग कर रहे हैं। उनका आरोप है कि इस घटना में किसी वरिष्ठ अधिकारी की मंजूरी के बिना ऐसा कदम नहीं उठाया जा सकता।
सड़कों पर उतरी जनता, बनी मानव श्रृंखला
इंफाल के लामलोंग, बिष्णुपुर, सिंगजामेई से लिलोंग तक हजारों लोगों ने 5 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाकर प्रदर्शन किया। नारे लगे - “मणिपुर एक था, एक है और एक रहेगा।”
कोकोमी की मांग: इस्तीफे दो या माफी मांगो
कोकोमी ने राज्यपाल, डीजीपी, मुख्य सचिव और सुरक्षा सलाहकार से इस्तीफे या माफी की मांग की है। उनका कहना है कि मणिपुर की अखंडता के खिलाफ कोई भी कदम बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह का बयान
पूर्व मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने राज्यपाल से मुलाकात कर मामले को संवेदनशीलता से संभालने और जनता से संवाद करने की अपील की। उन्होंने सभी पक्षों से संयम बरतने की भी अपील की
मणिपुर के प्रतिनिधिमंडल ने रखी दिल्ली में बात
मेइती संगठनों का एक प्रतिनिधिमंडल गृह मंत्रालय से मिला और नार्को-आतंकवाद, अवैध अफीम खेती, और सीमाई घुसपैठ जैसे मुद्दों पर चिंता जाहिर की। प्रतिनिधिमंडल ने इस घटना को “राज्य की अस्मिता पर हमला” बताया।
मणिपुर: एक संवेदनशील राज्य, एक शब्द ने उड़ा दी शांति
मणिपुर की राजनीति, जातीय समीकरण और राज्य की अस्मिता पर यह विवाद भविष्य के लिए चेतावनी है। प्रशासन को अब संवाद, पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ काम करने की ज़रूरत है।