दोस्तों को क्रेडिट कार्ड से शोपिंग करवाना पड़ सकता है भारी, आ सकता है IT नोटिस

Edited By Updated: 11 Sep, 2025 10:43 PM

credit card payments for friends income tax risk guidelines

क्रेडिट कार्ड से बार-बार दोस्तों की मदद करना इनकम टैक्स विभाग की नजर में आपको संदेह के घेरे में ला सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे ट्रांजैक्शन को विभाग 'आय' मान सकता है। खासतौर पर जब रकम बड़ी हो और नियमित रूप से बैंक ट्रांसफर हो रहा हो। टैक्स...

नेशनल डेस्क : आजकल क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल हर नौकरीपेशा व्यक्ति की जिंदगी का हिस्सा बन चुका है। चाहे महीने का आखिरी दिन हो या कोई बड़ा खर्च, क्रेडिट कार्ड से काम आसान हो जाता है। लेकिन अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग दोस्तों की मदद के लिए करते हैं, तो यह आपको इनकम टैक्स विभाग के रडार पर ला सकता है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि दोस्तों के लिए बार-बार क्रेडिट कार्ड से भुगतान और उनके द्वारा वापस किए गए पैसे को टैक्स विभाग 'कमाई' मान सकता है, जिससे टैक्स से जुड़ी परेशानियां बढ़ सकती हैं।

दोस्ती निभाने की आदत बन सकती है मुसीबत
दोस्ती में लोग अक्सर एक-दूसरे की मदद के लिए क्रेडिट कार्ड से फ्लाइट टिकट, ऑनलाइन खरीदारी, या बिल भुगतान कर देते हैं। उदाहरण के लिए, मान लीजिए आपने अपने दोस्त के लिए क्रेडिट कार्ड से 50,000 रुपये का स्मार्टफोन खरीदा। बाद में दोस्त ने आपको UPI के जरिए 50,000 रुपये लौटा दिए। यह ट्रांजैक्शन छोटा लग सकता है, लेकिन अगर आप बार-बार इस तरह के लेन-देन करते हैं और बड़ी रकम शामिल होती है, तो इनकम टैक्स विभाग इसे आपकी आय मान सकता है। विभाग पूछ सकता है कि ये पैसे कहां से आए और क्या यह आपकी कमाई है।

टैक्स नियम क्या कहते हैं?
इनकम टैक्स नियमों के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति का एक वित्तीय वर्ष में क्रेडिट कार्ड खर्च 10 लाख रुपये या उससे अधिक होता है, तो बैंक को इसकी जानकारी सीधे इनकम टैक्स विभाग को देनी होती है। इसके अलावा, अगर आप 1 लाख रुपये से अधिक नकद में क्रेडिट कार्ड का बिल भरते हैं, तो यह भी संदेह का कारण बन सकता है। नकद लेन-देन या बिना रिकॉर्ड के ट्रांसफर से टैक्स विभाग को शक हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप पेनल्टी या जांच का सामना करना पड़ सकता है।

विशेषज्ञ की सलाह: टैक्स झंझट से कैसे बचें?
चार्टर्ड अकाउंटेंट नीरज शर्मा ने बताया कि दोस्तों की मदद के लिए क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते समय कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है:

बैंकिंग चैनल का उपयोग करें: हमेशा UPI, NEFT, या IMPS जैसे बैंकिंग चैनलों के माध्यम से पैसे लें। नकद लेन-देन से बचें, क्योंकि यह टैक्स विभाग के लिए संदिग्ध हो सकता है।

लेन-देन का रिकॉर्ड रखें: हर ट्रांजैक्शन का स्पष्ट रिकॉर्ड रखें ताकि जरूरत पड़ने पर आप साबित कर सकें कि यह मदद थी, न कि आय।

बार-बार लेन-देन से बचें: बार-बार दोस्तों के लिए क्रेडिट कार्ड से खर्च करने और पैसे वापस लेने से टैक्स विभाग इसे बिजनेस गतिविधि मान सकता है।

लिखित सहमति बनाएं: अगर रकम बड़ी है, तो दोस्त के साथ लिखित सहमति या छोटा एग्रीमेंट बनाएं, जिसमें स्पष्ट हो कि यह लेन-देन केवल मदद के लिए है।

टैक्स विभाग की नजर में क्यों है खतरा?
टैक्स विशेषज्ञों का कहना है कि बार-बार होने वाले ऐसे लेन-देन, खासकर बड़ी रकम के, इनकम टैक्स विभाग के स्वचालित सिस्टम द्वारा पकड़े जा सकते हैं। विभाग के पास डिजिटल ट्रांजैक्शन की निगरानी के लिए उन्नत तकनीक है, जो असामान्य गतिविधियों को तुरंत चिह्नित करती है। अगर आपका क्रेडिट कार्ड खर्च और बैंक में आने वाली रकम का पैटर्न संदिग्ध लगता है, तो विभाग नोटिस भेज सकता है।

बरतें सावधानी
विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि क्रेडिट कार्ड का उपयोग सोच-समझकर करें और दोस्तों की मदद के लिए बार-बार बड़े लेन-देन से बचें। अगर मदद करनी ही है, तो सुनिश्चित करें कि सभी ट्रांजैक्शन पारदर्शी हों और रिकॉर्ड में दर्ज हों। ऐसा करके आप न केवल टैक्स विभाग की जांच से बच सकते हैं, बल्कि अपनी वित्तीय विश्वसनीयता भी बनाए रख सकते हैं।

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!