शिवसेना के विधायकों की अयोग्यता पर जल्द हो फैसला, सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष को दिए यह निर्देश

Edited By Updated: 18 Sep, 2023 06:15 PM

decision on disqualification of shiv sena mlas will be taken soon

सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को सोमवार को निर्देश दिया कि वह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके प्रति वफादार शिवसेना विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर फैसले के लिए समयसीमा के बारे में एक सप्ताह के भीतर बताएं

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को सोमवार को निर्देश दिया कि वह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके प्रति वफादार शिवसेना विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर फैसले के लिए समयसीमा के बारे में एक सप्ताह के भीतर बताएं। शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट ने जून, 2022 में महाराष्ट्र में नई सरकार बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हाथ मिला लिया था।
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सीजेआई डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस जे. बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने महाराष्ट्र राजनीतिक संकट पर उच्चतम न्यायालय के 11 मई के फैसले और उचित समयसीमा के भीतर अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला करने के लिए अध्यक्ष को जारी निर्देश का उल्लेख किया।

पीठ ने कहा कि अध्यक्ष को सुप्रीम कोर्ट की गरिमा का सम्मान करना होगा और उसके फैसले का पालन करना होगा। इसने विधानसभा अध्यक्ष की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से अयोग्यता याचिकाओं के निपटारे के लिए अध्यक्ष द्वारा निर्धारित की गई समय सीमा के बारे में सूचित करने को कहा। पीठ ने कहा, ‘‘हम सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी निर्देशों के प्रति सम्मान की उम्मीद करते हैं।'' पीठ ने शिंदे और उनका समर्थन करने वाले शिवसेना के अन्य विधायकों को अयोग्य ठहराने के अनुरोध संबंधी शिवसेना (यूबीटी) गुट की याचिका को दो सप्ताह के बाद सूचीबद्ध किया।
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पीठ ने कहा कि अध्यक्ष ‘‘संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत एक न्यायाधिकरण'' है और एक न्यायाधिकरण के रूप में, वह अदालत के अधिकार क्षेत्र के प्रति उत्तरदायी है। उसने कहा कि 11 मई के फैसले के बाद लंबित अयोग्यता याचिकाओं के बारे में कुछ नहीं किया गया है। पीठ ने कहा, ‘‘अब हम निर्देश देते हैं कि कार्यवाही पूरी करने के लिए एक समय सीमा निर्धारित करते हुए अध्यक्ष द्वारा एक सप्ताह के भीतर प्रक्रियात्मक निर्देश जारी किए जाये। सॉलिसिटर जनरल अदालत को कार्यवाही के निपटारे के लिए निर्धारित समयसीमा के बारे में सूचित करेंगे।''
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उद्धव ठाकरे गुट ने जुलाई में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था और राज्य विधानसभा अध्यक्ष को अयोग्यता याचिकाओं पर समयबद्ध तरीके से शीघ्र फैसला करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था। अविभाजित शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में 2022 में शिंदे और अन्य विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर करने वाले शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) विधायक सुनील प्रभु की याचिका में आरोप लगाया गया है कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के बावजूद अध्यक्ष राहुल नार्वेकर जानबूझकर फैसले में देरी कर रहे हैं।

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