Edited By Yaspal,Updated: 01 Jun, 2023 08:58 PM
गुजरात सरकार 2013 के एक बलात्कार मामले में स्वयंभू संत आसाराम की पत्नी, उसकी बेटी और उसके चार शिष्यों को बरी किए जाने को हाईकोर्ट में चुनौती देगी
नेशनल डेस्कः गुजरात सरकार 2013 के एक बलात्कार मामले में स्वयंभू संत आसाराम की पत्नी, उसकी बेटी और उसके चार शिष्यों को बरी किए जाने को हाईकोर्ट में चुनौती देगी। इस मामले में आसाराम को आजीवन कारावास की सजा दी गई है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। गांधीनगर की एक अदालत ने 31 जनवरी को आसाराम को उसकी पूर्व महिला शिष्या द्वारा 2013 में दर्ज कराए गए बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
अदालत ने आसाराम की पत्नी लक्ष्मीबेन, बेटी भारती और उसके चार शिष्यों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था, जिन पर अपराध को अंजाम देने में मदद का आरोप लगाया गया था। मामले में विशेष लोक अभियोजक आर.सी. कोडेकर ने कहा, ‘‘राज्य के कानूनी विभाग ने छह मई को एक प्रस्ताव पारित किया और अभियोजन पक्ष को 2013 के बलात्कार मामले में गांधीनगर की अदालत द्वारा आसाराम से जुड़े बलात्कार मामले में छह आरोपियों को बरी करने के खिलाफ अपील दायर करने का निर्देश दिया।''
अभियोजन पक्ष ने गांधीनगर अदालत के 31 जनवरी के उस आदेश को चुनौती देने के लिए भी सरकार की सहमति मांगी है, जिसमें उसने सुझाव दिया था कि जोधपुर और अहमदाबाद मामलों में आसाराम को आजीवन कारावास की सजा साथ-साथ चलनी चाहिए। कोडेकर ने कहा कि इसके लिए सरकार की सहमति मिलने का इंतजार है।
गौरतलब है कि आसाराम 2013 में राजस्थान स्थित अपने आश्रम में एक नाबालिग लड़की से बलात्कार के अन्य मामले में वर्तमान में जोधपुर जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। अहमदाबाद के पास मोटेरा स्थित अपने आश्रम में 2001 से 2007 तक सूरत की रहने वाली एक शिष्या से कई बार बलात्कार करने के मामले में गांधीनगर की अदालत ने आसाराम को सजा सुनाई है।