'मेरी मौत के बाद तुम आंसू मत बहाना'... भगत सिंह ने अपनी मां से कहीं थी ये बड़ी बात

Edited By Updated: 28 Sep, 2024 08:40 PM

don t shed tears after my death  bhagat singh had said this big thing mother

अमर शहीद भगत सिंह की जयंती 28 सितंबर को मनाई जाती है, और उनके जीवन से जुड़ी कई स्मृतियां हमें भावुक कर देती हैं। भगत सिंह ने अपने देश के प्रति जो निस्वार्थ प्रेम और बलिदान का जज्बा दिखाया, वह हर किसी को प्रेरित करता है। उन्होंने अपनी मां से कहा था,...

नेशनल डेस्क : भारत के महान क्रांतिकारी भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बंगा गांव में हुआ। उनके पिता का नाम किशन सिंह और माता का नाम विद्यावती था। बचपन से ही भगत सिंह में देशभक्ति की गहरी भावना थी। उन्होंने बहुत कम उम्र में ही अंग्रेजों को यह दिखा दिया कि भारत के युवा कितने ताकतवर हो सकते हैं। इस कारण अंग्रेज उनसे भयभीत हो गए थे। भगत सिंह ने अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण क्रांतिकारी कार्य किए और अपने विचारों के लिए संघर्ष किया। उनकी साहसिकता और निस्वार्थता ने उन्हें युवाओं का आइकन बना दिया। अंततः, 23 मार्च 1931 को उन्हें पाकिस्तान के लाहौर सेंट्रल जेल में फांसी दी गई। उनकी शहादत ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक नई ऊर्जा और प्रेरणा का संचार किया।

यह भी पढ़ें- तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले में Tata Electronics प्लांट में हुआ बड़ा धमाका, मची अफरातफरी

देशभक्ति की अनोखी भावना
भगत सिंह के क्रांतिकारी किस्से हमेशा दिल को छू लेने वाले रहे हैं। जब उनके घर में शादी की बातें होती थीं, उनकी मां को उनकी दुल्हन का इंतजार था। लेकिन भगत सिंह का अपने देश के प्रति प्यार इतना गहरा था कि उन्होंने एक बार कहा, “अगर मेरी शादी अंग्रेजों के शासन में होती है, तो मेरी मौत ही मेरी दुल्हन होगी।” यह वाक्य उनकी देशभक्ति और निस्वार्थता को बखूबी दर्शाता है।

यह भी पढ़ें- Amazon Great Indian Sale में 35 हजार तक सस्ते हुए ये 5 दमदार Smart Phone

मां के प्रति उनके विचार
भगत सिंह ने अपनी मां से यह भी कहा कि उनकी मौत के बाद वह आंसू न बहाएं। उन्होंने कहा, “वरना लोग कहेंगे कि वीर सपूत की मां रो रही है।” यह वाक्य न केवल उनकी माता के प्रति सम्मान को दर्शाता है, बल्कि उनकी सोच और जज्बातों को भी उजागर करता है। भगत सिंह ने हमेशा अपने सिद्धांतों और आदर्शों को प्राथमिकता दी, और यही कारण है कि वे आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं।

यह भी पढ़ें- Share Market Open : आज के दिन भी खुला था Share Market, जानिए क्या है वजह

विचारों की शक्ति
एक और मशहूर किस्सा यह है जब भगत सिंह जेल में बंद थे और उनकी मां उनसे मिलने आईं। इस दौरान भगत सिंह जोर-जोर से हंस रहे थे, जो उनकी आत्मा की मजबूती को दर्शाता है। उन्होंने अपनी मां से कहा, “ये अंग्रेज मुझे भले ही मार दें, लेकिन मेरे विचारों को कभी नहीं मार पाएंगे। वो मुझे मार देंगे, लेकिन मेरी आत्मा को नहीं मार पाएंगे।” इस वाक्य में भगत सिंह ने यह स्पष्ट किया कि भले ही उनका शरीर खत्म हो जाए, लेकिन उनके विचार और सिद्धांत अमर रहेंगे। यह उनकी विचारधारा की ताकत और उनकी अडिगता को दर्शाता है। भगत सिंह ने अपने जीवन को अपने आदर्शों के लिए समर्पित किया, और यही कारण है कि वे आज भी युवाओं के दिलों में जीवित हैं। उनका साहस और निस्वार्थता हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहेगी।

यह भी पढ़ें- Covid में जान गंवाने वाले योद्धाओं के परिजनों को मिलेंगे 1-1 करोड़ रुपए, CM आतिशी का बड़ा ऐलान

शहीदों की याद में शहीद दिवस
भगत सिंह, सुखदेव, और राजगुरु ने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष किया। इन तीनों सेनानियों को अदालत के आदेश के अनुसार 24 मार्च 1931 को सुबह आठ बजे फांसी दी जानी थी, लेकिन उन्हें 23 मार्च 1931 को ही देर शाम फांसी दे दी गई। इस दिन को भारत में शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसमें इन अमर शहीदों को याद किया जाता है।

भगत सिंह की शहादत ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी और उनके विचार आज भी युवाओं के प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं। उनकी जीवन गाथा हमें देशभक्ति और निस्वार्थ सेवा का संदेश देती है।

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!