Edited By Yaspal,Updated: 10 May, 2020 09:53 PM

रक्षा मंत्रालय ने रविवार को कहा कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने इलेक्ट्रॉनिक गैजेट, नोट और कागज को सेनेटाइज करने के लिए एक स्वचालित एवं सम्पर्करहित ‘अल्ट्रावायलेट सेनेटाइजेशन कैबिनेट'' विकसित किया है। डीआरडीओ ने ऐसे समय में यह कदम...
नई दिल्लीः रक्षा मंत्रालय ने रविवार को कहा कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने इलेक्ट्रॉनिक गैजेट, नोट और कागज को सेनेटाइज करने के लिए एक स्वचालित एवं सम्पर्करहित ‘अल्ट्रावायलेट सेनेटाइजेशन कैबिनेट' विकसित किया है। डीआरडीओ ने ऐसे समय में यह कदम उठाया है जब देश कोविड-19 से निजात पाने का प्रयास कर रहा है।
डिफेंस रिसर्च अल्ट्रावायलेट सेनेटाइजर (डीआरयूवीएस) प्रणाली कैबिनेट में रखी चीजों पर 360 डिग्री से पराबैंगनी किरणें (अल्ट्रावायलेट रेज) डालता है। एक बार सेनेटाइज (संक्रमणमुक्त) हो जाने पर प्रणाली स्वयं बंद हो जाती है, इसलिए इसे संचालित करने वाले को उपकरण के पास इंतजार करने या खड़े होने की जरूरत नहीं पड़ती।

मंत्रालय ने कहा कि इसे डीआरडीओ के रिसर्च सेंटर इमारत (आरसीआई) द्वारा विकसित किया गया है और यह सम्पर्क में आये बिना ही कार्य करता है जो कि इस वायरस के प्रसार के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। मंत्रालय ने कहा कि डीआरयूवीएस को मोबाइल फोन, आईपैड, लैपटॉप, नोट, चेक, चालान, पासबुक, कागज, लिफाफा आदि को संक्रमणमुक्त करने के लिए डिजाइन किया गया है।
भारत में कोरोना वायरस के प्रसार पर रोक के लिए 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है। देश में अभी तक इससे 62,900 से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और इससे करीब 2100 लोगों की मौत हो चुकी है।