EVMs, VVPATs, and Tech Innovations: भारत में तय करेंगे मतदान का भविष्य

Edited By Updated: 26 Sep, 2025 11:49 AM

evms vvpats and technological innovation will determine the future of voting

भारत में चुनावी प्रक्रिया हमेशा से ही लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक रही है। हाल के वर्षों में EVM और वीवीपैट (Voter Verifiable Paper Audit Trail) जैसे तकनीकी नवाचारों ने मतदान को तेज़, पारदर्शी और सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पहले...

नेशनल डेस्क: भारत में चुनावी प्रक्रिया हमेशा से ही लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक रही है। हाल के वर्षों में EVM और वीवीपैट (Voter Verifiable Paper Audit Trail) जैसे तकनीकी नवाचारों ने मतदान को तेज़, पारदर्शी और सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पहले हुए चुनावों में कई बार ईवीएम में सवाल उठते दिखे हैं। ऐसे में यहां पर यह उठता है कि क्या ये तकनीकी उपकरण भविष्य में मतदान के तरीके और परिणाम तय करेंगे? आइए जानते हैं-

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ईवीएम क्या है?

ईवीएम यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जिसका इस्तेमाल भारत में मतदाता अपने मतदान के लिए करते हैं। इसे 1990 के दशक में भारत में प्रयोग में लाया गया और अब पूरे देश में आम चुनाव और विधानसभा चुनावों में इस्तेमाल होता है।

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वीवीपैट (Voter Verifiable Paper Audit Trail) क्या है?

दूसरी ओर वीवीपैट एक ऐसी तकनीक है जिसे ईवीएम के साथ जोड़ा जाता है ताकि मतदाता यह पुष्टि कर सके कि उनका वोट सही उम्मीदवार को गया है। यानि की जब  जब मतदाता मशीन में बटन दबाता है, तो वीवीपैट मशीन एक कागज़ पर प्रिंट दिखाती है जिसमें उम्मीदवार का नाम और प्रतीक होता है। यह प्रिंट मतदाता को कुछ सेकंड के लिए दिखाई देता है और फिर यह मशीन में सुरक्षित रूप से कटकर जमा हो जाता है। वीवीपैट का मुख्य उद्देश्य मतदाता की भरोसेमंद पुष्टि और बाद में ऑडिट की सुविधा देना है।

ईवीएम और वीवीपैट: सुरक्षा और भरोसे का प्रतीक

ईवीएम और वीवीपैट ने वोटिंग को आधुनिक तकनीक से बदल दिया है। वोटर को मशीन में मतदान करते समय वीवीपैट के जरिए अपनी पसंद की पुष्टि करने का विकल्प मिलता है। इससे मतगणना में पारदर्शिता बढ़ती है और किसी भी विवाद की स्थिति में ऑडिट करना आसान हो जाता है।

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Tech Innovations और डिजिटल वोटिंग

भविष्य में भारत में मतदान के लिए नई तकनीकों का प्रयोग बढ़ सकता है। मोबाइल एप्स, ऑनलाइन वोटिंग प्लेटफ़ॉर्म और बायोमेट्रिक पहचान जैसी तकनीकें मतदान प्रक्रिया को और आसान और सुरक्षित बनाने की दिशा में कदम हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि तकनीक केवल मतदान की गति बढ़ाती है, लेकिन चुनावी निष्पक्षता और मतदाता की गोपनीयता सुनिश्चित करना सबसे बड़ा चुनौती है।

चुनाव आयोग की भूमिका

चुनाव आयोग ने हमेशा तकनीकी नवाचारों को अपनाने में सतर्कता बरती है। ईवीएम और वीवीपैट का नियमित परीक्षण, सुरक्षा ऑडिट और प्रशिक्षित कर्मचारियों की तैनाती इस भरोसे को बनाए रखने में महत्वपूर्ण हैं। आयोग लगातार मतदाता जागरूकता अभियान चला रहा है ताकि लोग तकनीक पर भरोसा करें और मतदान में भाग लें।

भविष्य की संभावनाएँ

जैसा कि भारत में डिजिटल तकनीक हर क्षेत्र में फैल रही है, मतदान प्रणाली भी आधुनिक होगी। हालांकि, तकनीक केवल एक साधन है। लोकतंत्र की नींव मतदाताओं की सक्रिय भागीदारी और पारदर्शिता पर ही टिकी है। ईवीएम और वीवीपैट ने मतदान को सुरक्षित और तेज़ बनाया है, लेकिन अंततः चुनाव का भविष्य तय करने का अधिकार हर नागरिक के हाथ में ही है।

 

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