Edited By Seema Sharma,Updated: 08 Sep, 2019 10:31 AM
मशहूर वकील राम जेठमलानी का रविवार को लंबी बीमार के बाद निधन हो गया। 95 वर्षीय राम जेठमलानी जाने-माने वकील थे और अपनी बेबाकी के लिए खासे जाने जाते थे। उन्होंने अपने आवास पर अंतिम सांस ली।
नई दिल्लीः पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं जाने-माने अधिवक्ता वकील राम जेठमलानी का रविवार सुबह यहां उनके आवास पर निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे। जेठमलानी मौजूदा समय में राज्यसभा के सांसद थे और काफी समय से बीमार चल रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जेठमलानी के निधन पर शोक व्यक्त किया।
वहीं उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और गृहमंत्री अमित शाह ने जेठमलानी के आवास पर पहुंचकर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की। जेठमलानी के बेटे महेश जेठमलानी भी जाने-माने अधिवक्ता हैं और उनकी एक बेटी अमेरिका में रहती हैं।
महेश और उनके अन्य निकट संबंधियों ने बताया कि उनकी तबियत कुछ महीनों से ठीक नहीं थी। उनके बेटे ने बताया कि कुछ दिन बाद 14 सितंबर को राम जेठमलानी का 96वां जन्मदिन आने वाला था। महेश ने बताया कि उनके पिता का अंतिम सरकार यहां लोधी रोड स्थित शवदाहगृह में शाम को किया जाएगा।
जेठमलानी का जन्म सिंध प्रांत के सिखारपुर में 14 सितंबर 1923 को हुआ था। वह पहली बार 1959 में के.एम. नानावती बनाम महाराष्ट्र सरकार का मामला लड़ने के बाद चर्चित हुए थे। जेठमलानी दिग्गज वकील होने के साथ-साथ केंद्रीय कानून मंत्री भी रह चुके हैं। वे भाजपा की ओर से राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं।
जेठमलानी अटल बिहारी कैबिनेट में मंत्री बने थे, बाद में पार्टी से 6 साल के लिए प्रतिबंधित होने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ ही चुनाव लड़ने मैदान में उतर गए थे। उन्होंने राजीव गांधी और इंदिरा गांधी की हत्या के आरोपियों से लेकर चारा घोटाला मामले में आरोपी लालू प्रसाद यादव तक का केस लड़ा था। इसके अलावा वह संसद पर अटैक मामले में अफजल गुरु से लेकर सोहराबुद्दीन एनकाउंटर में अमित शाह का केस भी लड़ चुके हैं। वे जेसिका लाल मर्डर केस, 2जी स्कैम केस और आसाराम आदि के भी केस लड़े हैं।उन्होंने शेयर बाजार घोटाले में हर्षद मेहता तथा केतन पारेख का मामला भी लड़ा था।