Gold/Silver Price crash: अचानक ये क्या हो गया? पिछले 24 घंटे में सोना-चांदी में आई 5 साल की सबसे बड़ी गिरावट

Edited By Updated: 22 Oct, 2025 05:43 PM

gold silver prices have seen their biggest in 5 years in the last 24 hours

पिछले 24 घंटों में सोने और चांदी की कीमतों में बड़ी गिरावट आई है, जिसे पिछले पांच साल की सबसे बड़ी एक-दिन की कमजोरी माना जा रहा है। सोना 5% से अधिक गिरकर $4,100 प्रति औंस से नीचे आ गया, जबकि चांदी $48.5 प्रति औंस पर पहुंच गई। निवेशकों ने रिकॉर्ड...

नेशनल डेस्क : पिछले 24 घंटों के दौरान सोना और चांदी के बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली है। यह पिछले पांच सालों में सबसे बड़ा एक-दिन का करेक्शन माना जा रहा है। गोल्ड लगभग 5% फिसलकर $4,100 प्रति औंस के नीचे आ गया, जबकि चांदी $48.5 प्रति औंस तक टूट गई। निवेशकों ने रिकॉर्ड ऊंचाई के बाद मुनाफा बुक किया, जिससे दोनों कीमती धातुओं में तेजी से बिकवाली हुई। अब सभी की निगाह अमेरिकी CPI डेटा यानी महंगाई पर है, जो आगे की दिशा निर्धारित करेगा।

सोने में मंगलवार को लगभग 5% की गिरावट दर्ज की गई, जो अगस्त 2020 के बाद की सबसे बड़ी एक-दिन की गिरावट है। बुधवार को भी सोने में 1% से ज्यादा कमजोरी आई और यह $4,100 प्रति औंस से नीचे चला गया। मुनाफावसूली के साथ ही अमेरिका और चीन के बीच व्यापार बातचीत बढ़ने से निवेशकों ने 'सेफ-हेवन' यानी सोने से अपनी पूंजी शेयर बाजारों की ओर मोड़ दी।

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हालांकि, सालभर में सोने ने अब तक करीब 60% का रिटर्न दिया है। इस तेजी का मुख्य कारण फेडरल रिजर्व की दर कटौती की उम्मीद और वैश्विक राजनीतिक तनाव था। फिलहाल, ट्रंप-पुतिन मीटिंग टलने और यूक्रेन संकट के चलते जियोपॉलिटिकल जोखिम बना हुआ है, लेकिन निवेशक प्रॉफिट बुकिंग मोड में हैं।

चांदी की कीमतें भी रिकॉर्ड हाई $54.5 से गिरकर $48.5 प्रति औंस तक आ गई हैं, यानी लगभग 7% की गिरावट। सितंबर के आखिर से चांदी में करीब 40% की तेजी देखने को मिली थी। केडिया कमोडिटी के एमडी अजय केडिया का कहना है कि सिल्वर में ओवरबॉट सिग्नल्स बनने के बाद निवेशकों ने पोजीशन काटी है, लेकिन लंबी अवधि में इंडस्ट्रियल डिमांड मजबूत बनी हुई है।

विशेषज्ञों का कहना है कि सिल्वर को ईवी, सोलर एनर्जी और डेटा सेंटर डिमांड से लंबी अवधि में सपोर्ट मिलेगा। फिलहाल बाजार में यह करेक्शन 'रैली के बाद की सांस' माना जा रहा है, रैली खत्म नहीं हुई है। निवेशक अल्पावधि में सतर्क रहें क्योंकि वोलैटिलिटी अभी भी ऊंची है।

अब निवेशकों की निगाह शुक्रवार को आने वाली अमेरिकी CPI रिपोर्ट पर है। अगर महंगाई ज्यादा निकली, तो डॉलर मजबूत होगा और सोने-चांदी पर और दबाव बन सकता है। वहीं, अगर CPI कमजोर आती है, तो डॉलर कमजोर होगा और गोल्ड-सिल्वर को फिर सपोर्ट मिल सकता है।

 

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