Edited By Harman Kaur,Updated: 04 Sep, 2025 12:12 PM

जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में केंद्र सरकार ने आम जनता, किसानों और छोटे कारोबारियों को राहत देते हुए जीएसटी स्लैब घटाकर दो कर दिए हैं – 5% और 18%। रोजमर्रा के कई सामान जैसे रोटी, दूध, पनीर, दवाएं और शिक्षा सामग्री को टैक्स फ्री किया गया है।...
नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार ने जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में आम जनता को बड़ी राहत दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठक के बाद ऐलान किया कि जीएसटी के स्लैब को अब घटाकर केवल दो कर दिया गया है – 5% और 18%। ये दरें 22 सितंबर से लागू होंगी। रोजमर्रा की जरूरतों से जुड़ी कई वस्तुओं को अब जीरो टैक्स के दायरे में लाया गया है।

रसोई से लेकर पढ़ाई तक टैक्स फ्री
रेडी टू ईट फूड, पनीर, दूध, रोटी, ब्रेड और पिज्जा जैसे खाने के उत्पाद अब टैक्स फ्री होंगे।
इसके अलावा पेंसिल, रबर, कटर, नोटबुक और ग्लोब जैसे शैक्षिक सामानों को भी जीएसटी से बाहर कर दिया गया है।

किसानों के लिए भी राहत
ट्रैक्टर और इसके पुर्जों पर जीएसटी की दरों में कटौती की गई है। ट्रैक्टर पर अब सिर्फ 5% टैक्स लगेगा, जो पहले 12% था।

दवाओं और स्वास्थ्य बीमा पर राहत
33 जीवन रक्षक दवाओं को जीएसटी से मुक्त कर दिया गया है। साथ ही हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी पर भी अब टैक्स नहीं लगेगा।

घरेलू सामानों पर टैक्स घटाया गया
साइकिल, बर्तन, दूध की बोतलें, छाते, बांस के फर्नीचर, कंघी जैसे कई उत्पादों पर टैक्स की दर 12% से घटाकर 5% कर दी गई है। वहीं, शैम्पू, साबुन, हेयर ऑयल, फेस पाउडर जैसे व्यक्तिगत देखभाल उत्पादों पर जीएसटी दर 18% से घटाकर 5% कर दी गई है।