Edited By Tanuja,Updated: 31 Dec, 2025 06:30 PM

तेजी से उभरते तेल उत्पादक देश गुयाना ने 2026 में होने वाली ऑयल ब्लॉक नीलामी के लिए भारतीय कंपनियों को आमंत्रित किया है। भारत को 2025 में लगभग 60 लाख बैरल कच्चा तेल भेजा गया। इससे भारत-गुयाना ऊर्जा साझेदारी और मजबूत होने की उम्मीद है।
International Desk: तेजी से उभरते तेल उत्पादक देश गुयाना ने भारतीय कंपनियों को अपने ऊर्जा क्षेत्र में निवेश का बड़ा मौका दिया है। गुयाना सरकार ने 2026 में होने वाली तेल ब्लॉकों की नीलामी में भारतीय कंपनियों को भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। इसका उद्देश्य अपने तेजी से बढ़ते ऊर्जा क्षेत्र में निवेशकों का दायरा बढ़ाना है। नई दिल्ली में एएनआई से बातचीत में गुयाना के उच्चायुक्त धर्मकुमार सीराज ने बताया कि भारत और गुयाना के बीच ऊर्जा सहयोग आने वाले वर्षों में और गहराएगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 में गुयाना ने भारत को लगभग 60 लाख बैरल कच्चा तेल सप्लाई किया है, और आने वाले समय में इसमें बड़ी बढ़ोतरी की उम्मीद है।
यह पहल ऐसे समय पर आई है जब भारत अपनी ऊर्जा आपूर्ति को विविध बनाने में जुटा है, खासकर भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं और रूसी तेल पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच। गुयाना का तेल क्षेत्र तेजी से विस्तार कर रहा है। स्टैब्रोएक ब्लॉक में बड़े अपतटीय तेल भंडार मिलने के बाद देश का उत्पादन 2025 के अंत तक 8 लाख बैरल प्रतिदिन से अधिक हो चुका है और 2030 तक इसे 17 लाख बैरल प्रतिदिन तक ले जाने का लक्ष्य है। उच्चायुक्त सीराज ने कहा कि भारत सिर्फ गुयाना के तेल का खरीदार ही नहीं, बल्कि तेल खोज और उत्पादन यानी अपस्ट्रीम गतिविधियों में भी अहम भूमिका निभा सकता है। 2026 में प्रस्तावित दूसरी अपतटीय ऑयल ब्लॉक नीलामी में गुयाना को उम्मीद है कि भारतीय निजी कंपनियां बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगी।
तेल और गैस के अलावा गुयाना भारत के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, रिन्यूएबल एनर्जी और डिजिटल सेक्टर में भी सहयोग बढ़ाना चाहता है। भारतीय कंपनियां पहले से ही वहां सड़क निर्माण, परिवहन ढांचे, क्रिकेट स्टेडियम और सौर ऊर्जा परियोजनाओं में सक्रिय हैं। गुयाना अगले पांच वर्षों में 100 मेगावाट रिन्यूएबल एनर्जी उत्पादन का लक्ष्य लेकर चल रहा है, जिसमें भारतीय कंपनियों की अहम भूमिका मानी जा रही है। इसके अलावा 300 मेगावाट गैस-टू-एनर्जी परियोजना और हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट्स पर भी काम आगे बढ़ रहा है।