Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 26 May, 2025 04:34 PM
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और अमेरिकी दखल के दावों को लेकर देश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। मामला जुड़ा है ऑपरेशन सिंदूर से, जब भारतीय वायुसेना ने आतंकियों के ठिकानों पर करारा हमला बोला था।
नेशनल डेस्क: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और अमेरिकी दखल के दावों को लेकर देश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। मामला जुड़ा है ऑपरेशन सिंदूर से, जब भारतीय वायुसेना ने आतंकियों के ठिकानों पर करारा हमला बोला था। इसी बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि उनकी पहल पर भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर हुआ। अब इस पूरे मुद्दे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सरकार का रुख स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने विपक्ष के सवालों और अमेरिकी दावे पर पलटवार करते हुए कहा, “अगर पाकिस्तान बड़ा हमला करता तो भारत उससे भी बड़ा जवाब देने को तैयार था।”
जयशंकर का स्पष्ट संदेश: पाकिस्तान रुकेगा तो हम भी रुकेंगे
विदेश मामलों की कंसल्टेटिव कमिटी की हालिया बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साफ शब्दों में कहा कि भारत की नीति बेहद स्पष्ट रही है — “अगर पाकिस्तान फायर करेगा तो भारत भी फायर करेगा, अगर वो रुकेगा तभी भारत भी रुकेगा।” उन्होंने बताया कि जब दुनिया के कई देशों ने भारत से संपर्क किया और पूछा कि अगला कदम क्या होगा, तो भारत ने सभी को यही जवाब दिया कि हम हर हालात से निपटने के लिए तैयार हैं। जयशंकर ने कमेटी को बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के पहले चरण के बाद अमेरिकी विदेश सचिव ने संकेत दिए थे कि पाकिस्तान बड़ा हमला कर सकता है। इस पर भारत की ओर से जवाब दिया गया “अगर पाकिस्तान बड़ा हमला करेगा तो भारत उससे भी बड़ा हमला करेगा।” यही नहीं उन्होंने यह भी साफ किया कि पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर के तुरंत बाद यह सूचित कर दिया गया था कि भारतीय वायुसेना ने सिर्फ आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया है, आम नागरिकों या सैन्य ठिकानों पर कोई हमला नहीं हुआ।
डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर भारत का जवाब
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक इंटरव्यू में दावा किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को उन्होंने शांत कराया था। लेकिन एस जयशंकर ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “सीजफायर भारत और पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल्स ऑफ मिलिटरी ऑपरेशंस (DGMO) के बीच बातचीत से हुआ। इसमें किसी तीसरे देश की कोई भूमिका नहीं रही है।” यह बयान देकर जयशंकर ने विपक्ष के उन आरोपों को भी दरकिनार कर दिया जिनमें कहा जा रहा था कि भारत पर अमेरिकी दबाव था।
सिंधु जल संधि पर भी बोले विदेश मंत्री
कमेटी की बैठक में जयशंकर ने सिंधु जल संधि को लेकर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि जो भी फैसला लिया जाएगा वह देशहित में होगा और भारतीय जनता के पक्ष में होगा। उन्होंने किसी तरह के विदेशी दबाव से इनकार किया।
मीडिया में बयान देने से बचने की सलाह
एस जयशंकर ने कमेटी के सदस्यों से यह भी अपील की कि अगर किसी को ऑपरेशन सिंदूर या विदेश नीति से जुड़ी कोई जानकारी चाहिए तो वे सीधे सरकार से संपर्क करें। उन्होंने कहा, “इस तरह के संवेदनशील मामलों में मीडिया में बयानबाज़ी से पाकिस्तान को फायदा मिल सकता है और देश के भीतर गलत संदेश जा सकता है। इसलिए सावधानी जरूरी है।” विदेश मंत्री ने यह भी बताया कि ऑपरेशन सिंदूर पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है और अभी भी भारत हर स्थिति पर नज़र बनाए हुए है।