Edited By Pardeep,Updated: 23 Jun, 2025 05:55 AM

इजराइल और ईरान के बीच तनाव अब एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। रविवार को इज़राइली रक्षा बलों (IDF) ने ईरान के कई महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों पर एक साथ हमला कर दिया। यह कोई साधारण जवाबी कार्रवाई नहीं थी बल्कि अब इजराइल ईरान की पूरी सैन्य प्रणाली को...
इंटरनेशल डेस्कः इजराइल और ईरान के बीच तनाव अब एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। रविवार को इज़राइली रक्षा बलों (IDF) ने ईरान के कई महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों पर एक साथ हमला कर दिया। यह कोई साधारण जवाबी कार्रवाई नहीं थी बल्कि अब इजराइल ईरान की पूरी सैन्य प्रणाली को ध्वस्त करने के अभियान में जुट गया है।
तेहरान, करमानशाह और हमादान जैसे प्रमुख शहरों में मिसाइल लॉन्च साइट्स, भंडारण केंद्र, रडार सिस्टम, सैटेलाइट फैसिलिटीज और यहां तक कि सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल बैटरी को भी निशाना बनाया गया। इन हमलों में 20 फाइटर जेट्स से 30 से अधिक बम तथा मिसाइलें इस्तेमाल की गईं। यह पूरा अभियान एक बेहद समन्वित और सटीक रणनीति के तहत अंजाम दिया गया, जो स्पष्ट संकेत देता है कि इजराइल अब सिर्फ हमलों का जवाब नहीं दे रहा बल्कि ईरान की सैन्य क्षमताओं को जड़ से उखाड़ने के इरादे से आगे बढ़ रहा है।
निशाने पर ये तीन इलाके
हमले करमानशाह, हमादान और तेहरान के आसपास के सैन्य प्रतिष्ठानों पर केंद्रित थे, जिनसे इजराइल की मंशा ईरानी सेना की क्षमता को कमजोर करना था ।
दो F‑5 फाइटर जेट और 8 मिसाइल लॉन्चर नष्ट
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इज़राइल के सशस्त्र बलों (IDF) ने पुष्टि की है कि उन्होंने दो ईरानी F‑5 लड़ाकू विमान और आठ बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च सिस्टम नष्ट कर दिए।
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इज़राइल ने शुक्रवार को भी इराक और सीरिया होते हुए ईरान में 60 से अधिक लड़ाकू विमानों के साथ हमले चलाए थे, जिसमें 120 सुपर‑प्रिसिजन बॉम्ब गिराए गए थे,इससे पहले परमाणु और मिसाइल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मुख्य निशाना बनाया गया ।
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अमेरिकी सहयोग से इज़राइल की यह कार्रवाई रणनीतिक रूप से बहुत प्रभावशाली मानी जा रही है। अमेरिका ने पहले स्वीकार किया था कि उन्होंने इसी दौरान ईरान के तीन परमाणु ठिकानों – Fordow, Natanz, और Isfahan पर बमबारी की थी ।
क्षेत्रीय असर और आगे की राह
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ये हमले क्षेत्रीय युद्ध की आशंका को बढ़ा रहे हैं, और इसके चलते कई देशों की अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द या रूट बदले जाने पर मजबूर हुईं।
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इज़राइल ने हाल भी कहा है कि अगर ईरान जवाबी कार्रवाई करता है, तो वे फिर से हमला करेंगे। ईरानी रक्षा प्रणालियों की कार्रवाई कमजोर बताई जा रही है।