Edited By Pardeep,Updated: 22 Jun, 2025 10:28 PM

ईरान-इज़रायल युद्ध में अमेरिका की सीधी एंट्री के बाद मध्य पूर्व (पश्चिम एशिया) में हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। इसी के चलते टाटा समूह की एयरलाइन एयर इंडिया ने 22 जून (रविवार) को एक अहम फैसला लेते हुए कहा कि वह अब अपनी फ्लाइट्स को ईरान, इराक और...
नेशनल डेस्कः ईरान-इज़रायल युद्ध में अमेरिका की सीधी एंट्री के बाद मध्य पूर्व (पश्चिम एशिया) में हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। इसी के चलते टाटा समूह की एयरलाइन एयर इंडिया ने 22 जून (रविवार) को एक अहम फैसला लेते हुए कहा कि वह अब अपनी फ्लाइट्स को ईरान, इराक और इज़रायल के हवाई क्षेत्रों से नहीं गुजारेगी।
किन उड़ानों पर असर?
यह निर्णय उत्तर अमेरिका और यूरोप जाने वाली फ्लाइट्स पर लागू होगा। साथ ही:
-
फारस की खाड़ी (Persian Gulf) के कुछ हिस्सों से भी उड़ानों का मार्ग बदला जाएगा।
-
इसका असर संयुक्त अरब अमीरात (UAE), कतर, ओमान और कुवैत जैसी जगहों की उड़ानों पर भी पड़ेगा।
उड़ानों की अवधि बढ़ सकती है
एयर इंडिया ने कहा है कि वैकल्पिक मार्गों के इस्तेमाल से:
-
उड़ानों की कुल दूरी और समय दोनों बढ़ सकते हैं।
-
यात्रियों को लंबा सफर करना पड़ सकता है।
-
कुछ उड़ानों में ईंधन की खपत और संचालन लागत भी बढ़ सकती है।
एयर इंडिया एक्सप्रेस ने कुछ उड़ानें रद्द कीं
सूत्रों के अनुसार, एयर इंडिया एक्सप्रेस ने भी कुछ फ्लाइट्स को "कम लोड फैक्टर" (यानी कम यात्रियों की संख्या) और पश्चिम एशिया के हवाई क्षेत्र में बढ़ती भीड़ के चलते रद्द कर दिया है। हालांकि, एयर इंडिया एक्सप्रेस की ओर से उड़ान रद्द करने पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन यात्रियों को रद्दीकरण की जानकारी पहले से दी जा रही है।
सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता
एयर इंडिया ने अपने आधिकारिक बयान में कहा: “हम अपनी फ्लाइट्स के रूट को सुरक्षित बनाए रखने के लिए लगातार बाहरी सुरक्षा सलाहकारों से परामर्श कर रहे हैं। स्थिति पर हमारी नज़र लगातार बनी हुई है और हम आवश्यकतानुसार सभी सुरक्षा उपाय लागू करने के लिए तैयार हैं।”
क्यों हो रहा है ये सब?
-
ईरान और इज़रायल के बीच चल रही जंग में अब अमेरिका ने भी हमला करके सीधा दखल दे दिया है।
-
अमेरिका ने ईरान के नतंज़, फोर्डो और इस्फ़हान में मौजूद परमाणु ठिकानों पर बमबारी की है।
-
इसके चलते पूरे पश्चिम एशिया में सैन्य और वायु गतिविधियां बढ़ गई हैं, जिससे हवाई मार्गों की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं।