आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद भी अस्पताल वाले इलाज न करें तो... यहां कर सकते हैं शिकायत

Edited By Updated: 21 Aug, 2025 05:33 PM

if the hospital refuses treatment despite having ayushman card then complain

स्वास्थ्य हर व्यक्ति के जीवन का एक अहम हिस्सा है। इलाज के बढ़ते खर्च को देखते हुए आजकल बहुत से लोग हेल्थ इंश्योरेंस की ओर रुख कर रहे हैं। लेकिन हर कोई इसे लेने की आर्थिक स्थिति में नहीं होता। ऐसे में सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए एक...

नेशनल डेस्क: स्वास्थ्य हर व्यक्ति के जीवन का एक अहम हिस्सा है। इलाज के बढ़ते खर्च को देखते हुए आजकल बहुत से लोग हेल्थ इंश्योरेंस की ओर रुख कर रहे हैं। लेकिन हर कोई इसे लेने की आर्थिक स्थिति में नहीं होता। ऐसे में सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना शुरू की है- प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना।

साल 2018 में शुरू की गई इस योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाता है। इस योजना से देशभर के लाखों लोग लाभ उठा चुके हैं। लेकिन कई बार देखने में आता है कि गंभीर हालत में होने के बावजूद कुछ मरीजों को अस्पताल में भर्ती नहीं किया जाता, जबकि उनके पास आयुष्मान कार्ड भी होता है।

अस्पताल इलाज से मना करे तो क्या करें?

कुछ अस्पताल इलाज टालने के लिए अलग-अलग बहाने बनाते हैं या फिर सीधे मना कर देते हैं। ऐसी स्थिति मरीज और उनके परिजनों के लिए बहुत परेशान करने वाली होती है। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार ने इसके लिए शिकायत करने की सुविधा दी है।

यहां करें शिकायत

अगर कोई अस्पताल आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद इलाज से मना करता है, तो आप आयुष्मान भारत योजना की नेशनल हेल्पलाइन नंबर 14555 पर कॉल कर सकते हैं। इस पर कॉल करके आप अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। कॉल के दौरान अस्पताल का नाम, स्थान, तारीख और घटना की पूरी जानकारी देनी होती है।

इसके अलावा, आप ऑनलाइन शिकायत पोर्टल पर जाकर भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इसके लिए इस लिंक पर जाएं: https://cgrms.pmjay.gov.in/GRMS/loginnew.htm

इस पोर्टल पर शिकायत दर्ज करना बेहद आसान है। आपको अस्पताल की जानकारी, घटना की तारीख और पूरी स्थिति विस्तार से लिखनी होती है। आपकी शिकायत सही पाए जाने पर संबंधित विभाग तुरंत कार्रवाई करता है।

राज्य स्तरीय एजेंसियां भी लेती हैं एक्शन

यदि किसी अस्पताल की लापरवाही सामने आती है, तो राज्य स्तरीय स्वास्थ्य एजेंसियां भी इसे गंभीरता से लेती हैं। वे अस्पताल से जवाब मांगती हैं और ज़रूरत पड़ने पर कार्रवाई भी करती हैं।

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