भारत सरकार किसानों के खेतों तक पाइपलाइन से पानी पहुंचाने की योजना बनाएगी

Edited By Mansa Devi,Updated: 19 Jun, 2025 03:38 PM

indian government will make a plan to supply water to

खेती की तस्वीर बदलने के लिए भारत सरकार एक नई महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रही है। अब देश के किसानों को सिंचाई के लिए पानी पाइपलाइन के ज़रिए सीधे खेतों तक उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य खेती को मौसम की अनिश्चितताओं से मुक्त कर, पानी की...

नेशनल डेस्क: खेती की तस्वीर बदलने के लिए भारत सरकार एक नई महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रही है। अब देश के किसानों को सिंचाई के लिए पानी पाइपलाइन के ज़रिए सीधे खेतों तक उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य खेती को मौसम की अनिश्चितताओं से मुक्त कर, पानी की बर्बादी रोकना और पैदावार बढ़ाना है।

हर खेत तक पानी, हर किसान को राहत
जल शक्ति मंत्रालय द्वारा तैयार की जा रही इस योजना को ‘हर घर जल’ योजना की तर्ज पर विकसित किया गया है। लेकिन इस बार लक्ष्य है—हर खेत तक पानी पहुँचाना। जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटील ने बताया कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच से प्रेरित है, और इसका उद्देश्य किसानों की जिंदगी आसान बनाना है।

उन्होंने कहा, "किसान देश का अन्नदाता है। उसे समय पर और पर्याप्त पानी मिलना चाहिए, ताकि वह बिना रुकावट के खेती कर सके।"

तकनीक से बदलेगी सिंचाई की परंपरा
इस प्रोजेक्ट में अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल होगा। खेतों तक बिछाई गई पाइपलाइन में स्मार्ट सेंसर लगाए जाएंगे, जो पानी की मात्रा की निगरानी करेंगे और रिसाव की जानकारी तुरंत देंगे। इससे पारदर्शिता और नियंत्रण दोनों सुनिश्चित होगा। वर्ल्ड बैंक और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं इस योजना में तकनीकी और वित्तीय सहयोग कर रही हैं। वर्ल्ड बैंक के विशेषज्ञ अजीत राधाकृष्णन के अनुसार, “सिंचाई को माइक्रो लेवल पर मैनेज करना जरूरी है। यह योजना उसी दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।”

बर्बादी रुकेगी, पैदावार बढ़ेगी
पारंपरिक सिंचाई में बड़ी मात्रा में पानी बर्बाद हो जाता है। पाइपलाइन से पानी सीधे खेतों तक पहुंचने से बर्बादी पर नियंत्रण होगा। किसान अब बारिश पर निर्भर नहीं रहेंगे, जिससे सूखे के दिनों में भी खेती मुमकिन हो सकेगी।

पायलट प्रोजेक्ट शुरू, किसानों की प्रतिक्रिया उत्साहजनक
फिलहाल योजना का पायलट प्रोजेक्ट पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में शुरू किया गया है। किसानों की प्रतिक्रिया सकारात्मक है। एक किसान ने बताया, "अब हमें बोरिंग या नहर से पानी भरने की मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी।" सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह योजना पूरी तरह मुफ्त नहीं होगी, लेकिन किसानों को सब्सिडी दी जाएगी जिससे उनकी लागत कम होगी।

2030 तक देशभर में लागू करने का लक्ष्य
सरकार का लक्ष्य है कि यह योजना 2030 तक देशभर के सभी किसानों के लिए उपलब्ध हो। हालांकि, ग्रामीण और पहाड़ी इलाकों में पाइपलाइन बिछाने में तकनीकी चुनौतियाँ आ सकती हैं, लेकिन मंत्रालय इसके समाधान के लिए विशेष तकनीकी टीम और प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू कर रहा है।

खेती में आएगी नई क्रांति
यह योजना न केवल पानी की बचत सुनिश्चित करेगी, बल्कि भूमि की उर्वरता और फसल उत्पादन भी बढ़ाएगी। यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो किसानों की आय दोगुनी करने और देश के खाद्य सुरक्षा लक्ष्य को हासिल करने में सहायक होगा।

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