असम में बनने जा रहा भारत का पहला हाईटेक हाईवे, जहां उतर सकेंगे राफेल और सुखोई जैसे लड़ाकू विमान

Edited By Updated: 29 Jun, 2025 07:04 PM

indias first hi tech highway is going to be built in assam

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक बड़ी जानकारी साझा करते हुए बताया कि नॉर्थ ईस्ट का पहला ऐसा हाईवे तैयार किया जा रहा है, जिस पर जरूरत पड़ने पर फाइटर जेट्स की लैंडिंग करवाई जा सकेगी। उन्होंने सोशल मीडिया पर इस हाईवे की कुछ तस्वीरें भी साझा...

Nationak Desk : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक बड़ी जानकारी साझा करते हुए बताया कि नॉर्थ ईस्ट का पहला ऐसा हाईवे तैयार किया जा रहा है, जिस पर जरूरत पड़ने पर फाइटर जेट्स की लैंडिंग करवाई जा सकेगी। उन्होंने सोशल मीडिया पर इस हाईवे की कुछ तस्वीरें भी साझा कीं और लिखा कि यह सिर्फ एक सड़क नहीं, बल्कि आपात स्थिति में काम आने वाला विशेष रणनीतिक मार्ग है।

आपातकालीन लैंडिंग के लिए 4 किलोमीटर लंबा ट्रैक
मुख्यमंत्री सरमा ने बताया कि अक्टूबर तक असम के इस हाईवे पर 4 किलोमीटर लंबी इमरजेंसी लैंडिंग पट्टी तैयार हो जाएगी। इस पर राफेल और Su-30 जैसे लड़ाकू विमान आसानी से लैंड कर सकेंगे। यह पट्टी उन परिस्थितियों के लिए बेहद अहम होगी जब हवाई अड्डों की जगह तुरंत जरूरत पड़ती है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना हर चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है, खासकर पूर्वोत्तर सीमाओं पर।

 

सीएम ने किया निरीक्षण, अधिकारियों से की बैठक
मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने खुद इस हाईवे का दौरा किया और जिला प्रशासन, NHAI व एयरफोर्स अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्माण कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि जो भी तकनीकी या प्रशासनिक अड़चनें सामने आई थीं, उन्हें मौके पर ही सुलझा लिया गया है। एक लैंडिंग स्ट्रिप लोअर असम में बन रही है, जबकि दूसरी सेंट्रल असम में तैयार की जा रही है।
 

हर 50-100 किलोमीटर पर बनाए जाएंगे हेलीपैड
हिमंत बिस्वा सरमा ने एक और महत्वपूर्ण योजना की जानकारी दी कि सरकार की योजना है कि हाईवे के किनारे हर 50 से 100 किलोमीटर पर एक हेलीपैड बनाया जाए। उन्होंने बताया कि बाढ़ जैसी आपात स्थिति में हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के लिए ये हेलीपैड बेहद उपयोगी साबित होंगे, खासकर जब दूसरी जगहें जलभराव के कारण अनुपयोगी हो जाती हैं।

नुमालीगढ़ से डिब्रूगढ़-तिनसुकिया तक बनेगा मॉडर्न कॉरिडोर
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार का उद्देश्य नुमालीगढ़ से डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया तक के पूरे मार्ग को एक आधुनिक और लचीले कॉरिडोर में बदलना है। इससे न सिर्फ आपदा प्रबंधन मजबूत होगा बल्कि राज्य की रणनीतिक क्षमता भी कई गुना बढ़ेगी। इस पूरी योजना को रक्षा मंत्रालय, एनएचआईडीसीएल और केंद्र सरकार के सहयोग से क्रियान्वित किया जा रहा है।


 

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