बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, एक दिन पहले ही दाखिल किया था चुनावी नामांकन

Edited By Updated: 30 Dec, 2025 08:26 AM

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बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की अध्यक्ष रहीं खालिदा जिया का मंगलवार सुबह करीब 6 बजे निधन हो गया। 80 वर्षीय खालिदा जिया लंबे समय से गंभीर बीमारियों से जूझ रही थीं। उनकी मौत ऐसे समय हुई है, जब महज एक दिन...

नेशनल डेस्क:  बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की अध्यक्ष रहीं खालिदा जिया का मंगलवार सुबह करीब 6 बजे निधन हो गया। 80 वर्षीय खालिदा जिया लंबे समय से गंभीर बीमारियों से जूझ रही थीं। उनकी मौत ऐसे समय हुई है, जब महज एक दिन पहले ही उनकी ओर से चुनावी नामांकन दाखिल किया गया था। इस अप्रत्याशित घटनाक्रम ने देश की राजनीति में हलचल मचा दी है। BNP ने सोशल मीडिया के जरिए उनके निधन की आधिकारिक पुष्टि की। पार्टी के बयान में कहा गया कि सोमवार देर रात से ही उनकी तबीयत तेजी से बिगड़ने लगी थी और तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।

लंबे इलाज के बाद टूटी उम्मीद
खालिदा जिया का इलाज ढाका के एवरकेयर अस्पताल में चल रहा था, जहां वे 23 नवंबर से भर्ती थीं। 11 दिसंबर को उनकी हालत अत्यंत नाजुक हो गई, जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। डॉक्टरों के अनुसार, वे लीवर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित थीं। इसके अलावा गठिया, मधुमेह और दिल व छाती से जुड़ी समस्याओं ने उनकी स्थिति को और जटिल बना दिया था।

उनकी सेहत को देखते हुए उन्हें बेहतर इलाज के लिए लंदन ले जाने की योजना बनाई गई थी। कतर से एक विशेष विमान को स्टैंडबाय पर रखा गया था, लेकिन मेडिकल बोर्ड ने अस्पताल से एयरपोर्ट तक ले जाने की अनुमति नहीं दी। इसी बीच उनकी हालत और बिगड़ गई।

अस्पताल में रहते हुए भी भरा गया नामांकन
खालिदा जिया के निधन से एक दिन पहले सोमवार को उनकी ओर से बोगुरा-7 सीट से चुनावी नामांकन दाखिल किया गया था। दोपहर करीब 3 बजे BNP के वरिष्ठ नेताओं ने डिप्टी कमिश्नर और रिटर्निंग ऑफिसर के कार्यालय में पर्चा जमा किया। उस समय यह साफ था कि वे अस्पताल में भर्ती हैं और वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं, इसके बावजूद पार्टी ने उन्हें चुनावी मैदान में उतारने का फैसला किया था।

बेटे तारिक रहमान की सक्रिय सियासी वापसी
इस चुनाव में खालिदा जिया के बेटे और BNP के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान भी चर्चा में रहे। उन्होंने ढाका-17 और बोगुरा-6 सीट से नामांकन दाखिल किया था। करीब 17 साल बाद लंदन से लौटने के बाद यह उनका सबसे बड़ा राजनीतिक कदम माना जा रहा था, जिससे पार्टी के भविष्य को लेकर कई अटकलें तेज हो गई थीं।

बोगुरा से जुड़ा भावनात्मक और राजनीतिक रिश्ता
बोगुरा-7 सीट का खालिदा जिया और BNP के लिए विशेष महत्व रहा है। यही वह इलाका है जहां पार्टी के संस्थापक और उनके पति, पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान का निवास रहा। खालिदा जिया ने 1991, 1996 और 2001 में इसी क्षेत्र से चुनाव जीतकर प्रधानमंत्री पद संभाला था। यह सीट उनकी राजनीतिक पहचान का प्रतीक मानी जाती रही है।

खालिदा जिया के निधन के साथ ही बांग्लादेश की राजनीति का एक बड़ा अध्याय समाप्त हो गया। दशकों तक सत्ता और विपक्ष दोनों में प्रभावशाली भूमिका निभाने वाली यह नेता देश की राजनीति की धुरी बनी रहीं। चुनाव से ठीक पहले आई उनकी मौत ने राजनीतिक समीकरणों को पूरी तरह बदल दिया है और आने वाले दिनों में इसका असर बांग्लादेश की सियासत पर साफ दिखाई देगा।

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