Edited By Mansa Devi,Updated: 12 Oct, 2025 08:00 PM

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को उत्तर बंगाल के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का छह-दिवसीय दौरा शुरू किया और जिन लोगों के घर प्रभावित हुए हैं, उन्हें 1.2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता तथा राहत कार्यों में शामिल कर्मियों को पुरस्कार दिए...
नेशनल डेस्क: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को उत्तर बंगाल के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का छह-दिवसीय दौरा शुरू किया और जिन लोगों के घर प्रभावित हुए हैं, उन्हें 1.2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता तथा राहत कार्यों में शामिल कर्मियों को पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की। अक्टूबर की शुरुआत में पश्चिम बंगाल के उत्तरी जिलों में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं के कारण कम से कम 32 लोगों की मौत हो गई तथा हजारों लोग बेघर हो गए। ममता ने आपदा में जान गंवाने वाले लोगों के निकटतम परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि तथा प्रत्येक परिवार से एक व्यक्ति को होमगार्ड की नौकरी देने की अपनी घोषणा भी दोहराई।
यात्रा के लिए रवाना होने से पहले कोलकाता हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बातचीत में ममता ने कहा कि वह पहले अलीपुरद्वार जिले के हासिमारा जाएंगी और वहां जारी राहत एवं पुनर्वास कार्यों का जायजा लेने के लिए अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक करेंगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि वह रविवार रात हासिमारा में रुकेंगी और सोमवार को नागराकाटा तथा आसपास के इलाकों का दौरा करेंगी, उसके बाद दार्जिलिंग की पहाड़ियों में स्थित मिरिक जाएंगी। ममता ने कहा कि इसके बाद वह दार्जिलिंग शहर का दौरा करेंगी, जहां से वह कलिम्पोंग में राहत कार्यों का भी जायजा लेंगी। उन्होंने बताया कि वह शुक्रवार को काली पूजा समारोह का उद्घाटन करने के लिए कोलकाता लौट आएंगी।
मुख्यमंत्री ने राहत कार्यों की निगरानी कर रहे प्रशासनिक अधिकारियों के समर्पण की तारीफ की और त्वरित सहायता पहुंचाने एवं बुनियादी ढांचे की बहाली की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। ममता ने कहा, “रोहिणी भूस्खलन स्थल पर पांच से छह दिनों में काम पूरा होने की उम्मीद है, जबकि मिरिक में अस्थायी पुल सात से आठ दिनों में तैयार होने की संभावना है।” उन्होंने ‘आमादेर पारा आमादेर समाधान' (एपीएएस) कार्यक्रम पर भी प्रकाश डाला, जिसका मकसद आपदा प्रभावित निवासियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
एपीएएस के तहत प्रति बूथ 10 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं, जिस पर कुल व्यय 8,000 करोड़ रुपये होने की संभावना है। अब तक 31,700 लक्षित बूथ-वार शिविरों में से 28,300 में आवंटन पूरा हो चुका है, जिससे लक्षित पहुंच के लगभग 90 प्रतिशत को कवर किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में 2.5 करोड़ लोगों को शामिल किया गया है।