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ममता ने तृणमूल सांसद यूसुफ पठान को बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल से बाहर होने के लिए मजबूर किया: भाजपा

Edited By Mansa Devi,Updated: 19 May, 2025 06:59 PM

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भाजपा ने सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तृणमूल सांसद यूसुफ पठान को बहुदलीय राजनयिक प्रतिनिधिमंडल से बाहर होने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया और इसे ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण'' करार दिया। तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि केंद्र...

नेशनल डेस्क: भाजपा ने सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तृणमूल सांसद यूसुफ पठान को बहुदलीय राजनयिक प्रतिनिधिमंडल से बाहर होने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया और इसे ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण'' करार दिया। तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि केंद्र द्वारा प्रतिनिधिमंडल में नामित पठान ने विदेश दौरे से दूर रहने का फैसला किया है, हालांकि पार्टी ने इस बात पर जोर दिया कि वह कूटनीतिक प्रयास का बहिष्कार नहीं कर रही है और केवल यह चाहती है कि उसे अपना प्रतिनिधि चुनने की अनुमति दी जाए। पठान के नाम की घोषणा जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद संजय झा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल के लिए की गई थी, जो ‘ऑपरेशन सिंदूर' पर भारत का संदेश देने के लिए इंडोनेशिया, मलेशिया, दक्षिण कोरिया, जापान और सिंगापुर जाने वाला है। तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पश्चिम बंगाल के भाजपा सह-प्रभारी अमित मालवीय ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, “पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का तृणमूल सांसद को बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल से हटने के लिए मजबूर करने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है।”

भाजपा नेता ने कहा, ‘‘इससे यह संदेश जाता है कि ममता बनर्जी और उनकी पार्टी पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ बोलने को तैयार नहीं हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘आखिरकार, ऐसे क्षण में देश का प्रतिनिधित्व करना राष्ट्रीय गौरव की बात है।'' मालवीय ने बनर्जी की आलोचना करते हुए उन पर ‘‘सबसे खराब किस्म की राजनीति'' करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से, पश्चिम बंगाल इसका खामियाजा भुगत रहा है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि राज्य के सामने एक प्रतिकूल जनसांख्यिकीय बदलाव सामने खड़ा है।'' हालांकि, तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों ने प्रतिनिधिमंडल से बाहर रहने के पठान के फैसले का कारण नहीं बताया, लेकिन ममता बनर्जी और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी दोनों ने सोमवार को कहा कि केंद्र को प्रतिनिधिमंडल में पार्टी के उम्मीदवार पर फैसला नहीं करना चाहिए।

कोलकाता हवाई अड्डे पर मीडिया से बातचीत में बनर्जी ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का मुकाबला करने के उद्देश्य से केंद्र के बहुदलीय राजनयिक मिशन का बहिष्कार नहीं कर रही है और केंद्र से औपचारिक अनुरोध प्राप्त होने पर वह अपने प्रतिनिधि भेजेगी। उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे हमें सूचित करेंगे तो हम निश्चित रूप से अपना प्रतिनिधि भेजेंगे। हम ऐसा क्यों नहीं करेंगे? यहां विवाद का कोई मुद्दा नहीं है। हम पूरी तरह से सरकार के साथ हैं।'' केंद्र ने रविवार को सात प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों के नामों की घोषणा की, जिनमें विभिन्न दलों के राजनीतिक नेता, सांसद और पूर्व मंत्री शामिल होंगे, जो ‘ऑपरेशन सिंदूर' की पृष्ठभूमि में आतंकवाद से निपटने के भारत के संकल्प को सामने रखने के लिए विश्व की राजधानियों की यात्रा करेंगे। प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व बैजयंत पांडा, रविशंकर प्रसाद (दोनों भाजपा), संजय कुमार झा (जदयू), श्रीकांत शिंदे (शिवसेना), शशि थरूर (कांग्रेस), कनिमोई (द्रमुक) और सुप्रिया सुले (राकांपा-एसपी) कर रहे हैं। वे कुल 32 देशों तथा बेल्जियम के ब्रसेल्स में स्थित यूरोपीय संघ के मुख्यालय का दौरा करेंगे। 

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