'मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था का बंटाधार किया', जयराम रमेश बोले- प्रति व्यक्ति कर्ज 4.8 लाख रुपए हुआ

Edited By Updated: 02 Jul, 2025 03:49 PM

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कांग्रेस ने भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट से संबंधित खबरों का हवाला देते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था का बंटाधार कर दिया है। पिछले दो साल में प्रति व्यक्ति कर्ज 90 हजार रुपए से बढ़कर 4.8 लाख रुपए हो गया...

नेशनल डेस्क: कांग्रेस ने भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट से संबंधित खबरों का हवाला देते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था का बंटाधार कर दिया है। पिछले दो साल में प्रति व्यक्ति कर्ज 90 हजार रुपए से बढ़कर 4.8 लाख रुपए हो गया है। कांग्रेस पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि जनता कर्ज में डूब रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परम मित्र मुनाफा कमा रहे हैं तथा उनकी संपत्ति बढ़ती ही जा रही है।
 

रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, " "अच्छे दिन" का कर्ज़! मोदी सरकार ने पिछले ग्यारह सालों में देश की अर्थव्यवस्था का बंटाधार कर दिया है। लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में कोई प्रयास नहीं किया गया, केवल पूंजीपति मित्रों के लिए सारी नीतियां बनाई गईं, जिसका अंजाम आज देश की जनता भुगत रही है।"

'देश पर कर्ज का बोझ मोदी राज में चरम पर है'
उन्होंने कहा कि यह सच्चाई किसी न किसी तरह हर रोज हमारे सामने आ रही है। रमेश ने कुछ खबरों का हवाला देते हुए दावा किया, " रिजर्व बैंक की ताजा रिपोर्ट से भारत की अर्थव्यवस्था की चिंताजनक तस्वीर सामने आई है। सरकार कि ओर से आंकड़ेबाजी और विषेशज्ञों का सहारा लेकर असली कमियों को छुपाने की कोशिश लगातार जारी है, लेकिन इस सच्चाई से कोई इनकार नही कर सकता कि देश पर कर्ज का बोझ मोदीराज में चरम पर है। "
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लोगों की आमदनी का 25.7 % हिस्सा सिर्फ कर्ज चुकाने में जा रहा- जयराम रमेश
उन्होंने कहा कि दो साल में प्रति व्यक्ति कर्ज 90,000 रुपए बढ़कर 4.8 लाख रुपए हो गया है यानी लोगों की आमदनी का 25.7 प्रतिशत हिस्सा सिर्फ कर्ज चुकाने में जा रहा है। कांग्रेस नेता ने दावा किया, "सबसे ज्यादा 55 प्रति कर्ज तथाकथित रूप से क्रेडिट कार्ड, मोबाइल ईएमआई आदि के लिए जा रहा है, जिसका मतलब है इस महंगाई में परिवारों की आय में उनका गुजारा नहीं हो रहा है और वे कर्ज लेने पर मजबूर हैं। असुरक्षित कर्ज 25 प्रतिशत पार हो चुका है।''

'युवाओं के पास नौकरी नहीं है... '
रमेश के अनुसार, सबसे चिंताजनक बात यह है कि मार्च 2025 तक भारत पर दूसरे देशों का/बाहरी कर्ज 736.3 अरब डॉलर था, जो पिछले साल की तुलना में 10 प्रतिशत ज्यादा है। उन्होंने दावा किया कि युवाओं के पास नौकरी नहीं है, किसान आत्महत्या कर रहे हैं, महंगाई से जनता त्रस्त है और संवैधानिक संस्थाओं को कुचला जा रहा है।

'जनता कर्ज में डूब रही है और PM मोदी के परम मित्र मुनाफा कमा रहे'
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि जनता कर्ज में डूब रही है और प्रधानमंत्री मोदी के परम मित्र मुनाफा कमा रहे हैं, उनकी संपत्ति बढ़ती ही जा रही है। रमेश ने कहा, "सीधा सवाल यह है कि जब सारी सरकारी परियोजनाएं सार्वजनिक निजी भागीदारी या निजी भागीदारी से ही हो रहे हैं तो देश पर कर्जा क्यों बढ़ रहा है तथा हर देशवासी पर 4,80,000 रुपये का कर्ज क्यों हो गया है ?''

 

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