अमृतसर में नार्काे-हवाला कार्टेल का पर्दाफाश

Edited By Archna Sethi,Updated: 10 Jun, 2025 09:34 PM

narco hawala cartel busted in amritsar

अमृतसर में नार्काे-हवाला कार्टेल का पर्दाफाश


चंडीगढ़, 10 जूनः(अर्चना सेठी) पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए शुरु की मुहिम के दौरान बड़ी सफलता हासिल करते हुये कमिशनरेट पुलिस अमृतसर ने अरशदीप सिंह जो मौजूदा समय गोइन्दवाल जेल में बंद है, द्वारा चलाए जा रहे संगठित नार्काे-हवाला कार्टेल के 6 गुर्गों को 4.526 किलोग्राम हेरोइन और 8.7 लाख रुपए की ड्रग मनी समेत गिरफ़्तार करके इस कार्टेल का पर्दाफाश किया है। यह जानकारी आज यहाँ डायरैक्टर जनरल आफ पुलिस ( डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने दी।

गिरफ़्तार किये गए व्यक्तियों की पहचान करनदीप सिंह उर्फ करन ( 25) निवासी अलगों खुर्द, तरन तारन, जसप्रीत सिंह ( 20) निवासी सलोदी, लुधियाना, अरशदीप सिंह उर्फ अरस ( 22) निवासी महिन्दीपुर, तरन तारन, गुरमीत सिंह उर्फ गीतू ( 24) निवासी सुखेरा बोदला, फाजिल्का, रजिन्दरपाल सिंह उर्फ निक्का (24) निवासी कोलोवाल, अमृतसर और मलकीत सिंह (28) निवासी हवेलियाँ, तरन तारन के तौर पर हुई है।

डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि प्राथमिक जांच से पता लगा है कि अरशदीप, अपने साथियों जसप्रीत और करन के साथ मिलकर नशीले पदार्थों के व्यापार और हवाला लेन-देन को अंजाम दे रहा था। उन्होंने बताया कि करन, गुरमीत और राजिन्दरपाल मिलकर सरहद पार नशीले पदार्थों की खेपें प्राप्त कर रहे थे और उनको पंजाब के अलग-अलग जिलों में बाँट रहे थे।

 

उन्होंने बताया कि जांच से यह भी पता लगा है कि नशीले पदार्थों के व्यापार से होने वाली कमाई जसप्रीत की तरफ से हवाला चैनलों के ज़रिये दुबई, यूएइ के द्वारा पाकिस्तान भेजी जाती थी। उन्होंने कहा कि अरशदीप की तरफ से जेल के अंदर इस्तेमाल किया गया मोबाइल फ़ोन बरामद कर लिया गया है, जो उनकी सरहद पार की गतिविधियों के बारे महत्वपूर्ण सबूत प्रदान करता है।

डीजीपी ने कहा कि इस मामले में अगले-पिछले सम्बन्ध स्थापित करने के लिए और जांच जारी है।

अन्य विवरण सांझे करते हुये पुलिस कमिश्नर (सीपी) अमृतसर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने कहा कि अरशदीप सिंह कमर्शियल ऐनडीपीऐस केस के अंतर्गत जेल में बंद है। उन्होंने कहा कि जेल में बंद होने के बावजूद, उसने सरहद पार के तस्करों के साथ संपर्क बनाये रखा।

उन्होंने कहा कि एक अलग केस में गिरफ़्तार किया गया मुलजिम मलकीत सिंह एक बदनाम तस्कर है और उसने एक साल दुबई में बिताया था, जहाँ वह पाकिस्तानी तस्करों के संपर्क में आया। उन्होंने बताया कि उसके गाँव की अंतरराष्ट्रीय सरहद के साथ नज़दीकी के कारण दोषी ने दो महीने पहले भारत वापस आकर खेपों की तस्करी करनी शुरू कर दी।

सीपी ने कहा कि डीसीपी रविन्दरपाल सिंह और एडीसीपी जगबिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पुलिस टीमों ने यह कार्यवाही ख़ुफ़िया जानकारी के आधार पर की। उन्होंने बताया कि हेरोइन और ड्रग मनी बरामद करने के इलावा, पुलिस टीमों ने उनका हीरो सपलैंडर मोटरसाईकल जिसका प्रयोग वह खेपें पहुँचाने के लिए कर रहे थे, भी ज़ब्त कर लिया है।

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