Edited By Anil dev,Updated: 10 Apr, 2021 07:08 PM

केंद्रीय सशस्त्र बलों को लेकर की गई अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुए ममता बनर्जी ने निर्वाचन आयोग को शनिवार को बताया कि वह केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) का काफी सम्मान करती हैं लेकिन बलों पर मतदाताओं को डराने और एक खास दल के पक्ष में मतदान के...
नेशनल डेस्क: केंद्रीय सशस्त्र बलों को लेकर की गई अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुए ममता बनर्जी ने निर्वाचन आयोग को शनिवार को बताया कि वह केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) का काफी सम्मान करती हैं लेकिन बलों पर मतदाताओं को डराने और एक खास दल के पक्ष में मतदान के लिए मतदाताओं को प्रभावित करने के गंभीर आरोप हैं। आयोग ने शुक्रवार को नोटिस जारी कर ममता से राज्य में चुनावी ड्यूटी पर तैनात केंद्रीय बलों के खिलाफ उनके द्वारा दिए गए प्रथम दृष्टया पूरी तरह गलत, भड़काऊ और असंयमित बयानों पर स्पष्टीकरण मांगा था।
इस नोटिस के जवाब में तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ने आरोपों का खंडन किया था। बनर्जी ने चुनावी निगरानीकर्ता से अपना नोटिस रद्द करने का अनुरोध करते हुए दावा किया कि उन्होंने आदर्श आचार संहिता या भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं का उल्लंघन नहीं किया है। उन्होंने दावा किया कि एक लड़की के साथ कथित तौर पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के एक कर्मी द्वारा ताराकेश्वर पुलिस थाना क्षेत्र के रामनगर में छह अप्रैल को छेड़छाड़ की गई थी और पुलिस से मामले की शिकायत की गई जिसके बाद एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उन्होंने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस ने इस बारे में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से शिकायत की थी।
उन्होंने कहा कि अब तक कोई मूर्त कार्रवाई नहीं हुई न ही निर्वाचन आयोग द्वारा केंद्रीय बलों को इस संदर्भ में कोई परामर्श या निर्देश जारी किया गया। उन्होंने अपने जवाब में कहा, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के लिए मेरे मन में बहुत सम्मान है और देश की रक्षा व सुरक्षा में उनके योगदान की सराहना व प्रशंसा करती हूं। माना जा रहा है कि बनर्जी ने अपने जवाब में आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल में शुरुआती तीन चरणों के चुनाव के दौरान सीएपीएफ द्वारा बल का इस्तेमाल कर मतदाताओं को डराए जाने व एक दल विशेष के पक्ष में मतदान के लिए मतदाताओं को प्रभावित करने के संदर्भ में गंभीर आरोप सामने आए हैं।