बीजेपी पर शिवसेना का हमला, बागी विधायकों की सुरक्षा में अब केवल एयरफोर्स और नेवी की तैनाती बची है

Edited By Anil dev,Updated: 04 Jul, 2022 03:00 PM

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शिवसेना ने सोमवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव जीतते देखना कोई हैरानी की बात नहीं थी

नेशनल डेस्क: शिवसेना ने सोमवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव जीतते देखना कोई हैरानी की बात नहीं थी, क्योंकि शिवसेना को तोड़कर उसमें से ही किसी एक को पार्टी के खिलाफ खड़ा कर दिया गया। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना' में छपे संपादकीय में व्यंग्यात्मक टिप्पणी की कि राज्य में (मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली) नई सरकार आने के साथ ही राज्यपाल के कोटे से विधान परिषद के 12 सदस्यों के नामांकन का मामला भी जल्द ही सुलझ जाएगा। पार्टी ने कहा कि (पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पिछली सरकार द्वारा भेजी गई) पुरानी फाइल को एक नई फाइल से बदल दिया जाएगा और इसे 24 घंटे के भीतर राज्यपाल मंजूरी दे देंगे। उसने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि यदि ‘‘संविधान का रक्षक'' ही दोहरे मापदंड अपनाता है, तो ये लोग कोई भी प्रस्ताव बना सकते हैं और कोई भी चुनाव जीत सकते हैं। 

पार्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री पद से उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के बाद से महाराष्ट्र में ‘‘कानून का शासन'' नहीं बचा है। मराठी दैनिक समाचार में कहा गया, ‘‘भले ही यह मुश्किल समय है, लेकिन यह भी गुजर जाएगा।'' संपादकीय में कहा गया, ‘‘वर्तमान मुख्यमंत्री (एकनाथ शिंदे) की ही तरह (वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष) राहुल नार्वेकर भी एक शिव सैनिक थे। वह शिवसेना, राकांपा (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) से भाजपा और अब महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष पद तक की अपनी यात्रा में अच्छी तरह से जानते हैं कि कब क्या करना है और कहां जाना है।'' मराठी प्रकाशन ने कहा, ‘‘भाजपा को महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव जीतते देखना कोई आश्चर्य की बात नहीं है क्योंकि शिवसेना टूट गई है और पार्टी का ही कोई व्यक्ति इसके खिलाफ खड़ा है।'' अखबार में छपे संपादकीय में गोवा से लौटने के बाद हवाई अड्डे से मुंबई के एक होटल में शिंदे के समर्थक विधायकों के पहुंचने पर की गई भारी सुरक्षा व्यवस्था पर भी कटाक्ष किया गया है। इसमें कहा गया है, ‘‘अब केवल वायु सेना और नौसेना को तैनात करना बचा है।’’ 

उसने कहा, ‘‘शिंदे समूह के भाजपा प्रायोजित विधायकों ने पार्टी के व्हिप का पालन नहीं किया और अयोग्यता की कार्रवाई शुरू हो जाएगी, लेकिन इससे बचने के लिए भाजपा ने कानून की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति को अध्यक्ष बना दिया और अब वह अपने अनुसार निर्णय लेंगे।'' सामना में कहा गया कि जब (शिंदे समूह के) 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने का अनुरोध करने वाली एक याचिका उच्चतम न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है, तो ऐसे में उन्हें मतदान प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति देना अवैध है। अखबार में छपे संपादकीय में गोवा से लौटने के बाद हवाई अड्डे से मुंबई के एक होटल में शिंदे के समर्थक विधायकों के पहुंचने पर की गई भारी सुरक्षा व्यवस्था पर भी कटाक्ष किया गया है। इसमें कहा गया है, ‘‘अब केवल वायु सेना और नौसेना को तैनात करना बचा है।'' उन्होंने कहा कि इस प्रकार का सुरक्षा प्रबंध तो 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों के दोषी मोहम्मद अजमल कसाब के लिए भी नहीं किया गया थ। 

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