इस बार भी यूपी को मिलेगा क्लीन शेव सीएम, अस्सी के दशक बाद से राज्य ने नहीं देखे मूंछ वाले मुख्यमंत्री

Edited By Anil dev,Updated: 19 Jan, 2022 11:36 AM

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भारत में परंपरागत रुप से दाढ़ी मूंछें जवानी का प्रतीक मानी जाती हैं, लेकिन अब नौजवान मूंछें और दाढ़ी रखना पसंद नहीं करते हैं क्योंकि उन्हे लगता है कि ये दाढ़ी-मूंछ उनकी उम्र बढ़ा देते हैं। इस बात का जिक्र लेखक रिचर्ड मैक्कैलम ने अपनी पुस्तक ''हेयर...

नेशनल डैस्क: भारत में परंपरागत रुप से दाढ़ी मूंछें जवानी का प्रतीक मानी जाती हैं, लेकिन अब नौजवान मूंछें और दाढ़ी रखना पसंद नहीं करते हैं क्योंकि उन्हे लगता है कि ये दाढ़ी-मूंछ उनकी उम्र बढ़ा देते हैं। इस बात का जिक्र लेखक रिचर्ड मैक्कैलम ने अपनी पुस्तक 'हेयर इंडिया' में भी किया है। इस किताब के अनुसार भारत का पुराना और प्रसिद्ध हेयर स्टाइल धीरे-धीरे लुप्त होता जा रहा है। 'हेयर इंडिया' के मुताबिक भारत में शहरीकरण और 'क्लीन शेव' का चलन बढ़ रहा है। इस बात का जिक्र यहां इसलिए किया जा रहा है क्योंकि उत्तर प्रदेश के चुनाव आते ही यहां के मूछों वाले और बिना मूछ के मुख्यमंत्री चर्चा का विषय रहते हैं। संभावित सीएम उम्मीदवारों के हिसाब से यूपी को इस चुनाव में बिना मूंछ के ही सीएम मिलने की संभावना है।

आजादी के बाद ही थे मूंछ वाले सीएम
उत्तर प्रदेश में आजादी के करीब तीन दशकों तक यहां के मुख्यमंत्री मूछों वाले ही रहे हैं। अगर आजादी के बाद उत्तर प्रदेश के पहले सीएम गोविंद बल्लभ पंत की बात करें तो वह उनके कार्यों के साथ उनकी मूछों का भी दम भरते हुए कहते थे कि उनकी मूछें भी बोलती है। 1980 के दशक तक कई सीएम बने और मूछों का प्रचलन जारी था। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि 1980 के दशक के बाद भारत तेजी से आगे बढ़ रहा था और शहरीकरण भी रफ्तार पकड़ रहा था। लोगों की जीवन शैली में काफी बदलाव होने लगे थे। इन बदलावों को राजनीतिज्ञों द्वारा अपनाना भी स्वाभाविक ही था। चौधरी चरण ‌सिंह 1967 से 68 और 1970 दो बार यूपी के सीएम रहे। वह हल्की मूंछों के मालिक थे। बताया जाता है कि हल्की मूंछें रखने का फैशन इन्होंने ही शुरू किया था। 1982 से 1984 तक उत्तर प्रदेश के श्रीपति मिश्रा मूछों वाले अंतिम सीएम थे। उनके चेहरे पर बारीक सी मूछें होती थी। 1970 के दशक में सीएम रामनरेश यादव भी मूछें रखते थे।

ऐसे हुई क्लीन शेव सीएम की रिवायत
अगर अस्सी के दशक की बात की जाए तो 1985 से 1988 तक सीएम रहे वीर बहादुर सिंह बि मूंछें नहीं रखते थे, यानी क्लीन शेव के सीएम का दौर इनसे ही शुरू हुआ। एनडी तिवारी भी 1988 से 1989 के बीच ऐसे सीएम थे जिन्होंने मूंछ नहीं रखी। 1989-2007 के बीच ये तीन बार सीएम रहे मुलायम सिंह यादव कभी जवानी में मूंछ रखते थे लेकिन बुढ़ापा आते-आते वह भी क्लीन रहने लगे।  1991 से 1999 के बीच वो दो बार सीएम रहे कल्याण सिंह कभी कभी हल्की मूंछें रखते थे लेकिन ज्यादातर क्लीन शेव ही नजर आते थे। 1999 से 2000 के बीच करीब एक साल के लिए सीएम बने राम प्रकाश गुप्ता ने भी कभी मूछें नहीं रखीं।  2000 से 2002 तक यूपी के सीएम व वर्तमान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कभी मूंछें नहीं पाली। अब उत्तर प्रदेश में दो राजनीतिक दलों के सीएम कैंडिडेट योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव भी क्लीन शेव ही हैं। इनके अलावा संभावित तौर पर महिलाएं भी सीएम कैंडिडेट भी हैं।      

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