Edited By Anu Malhotra,Updated: 06 Nov, 2025 01:17 PM

अमेरिका के नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कैंसर इलाज में एक क्रांतिकारी खोज की है। उन्होंने एक पुरानी कीमोथेरैपी दवा को पूरी तरह नया रूप देकर इसे 20,000 गुना अधिक प्रभावी बना दिया है, और सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस नए फॉर्मूले से किसी...
इंरनेशनल डेस्क: अमेरिका के नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कैंसर इलाज में एक क्रांतिकारी खोज की है। उन्होंने एक पुरानी कीमोथेरैपी दवा को पूरी तरह नया रूप देकर इसे 20,000 गुना अधिक प्रभावी बना दिया है, और सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस नए फॉर्मूले से किसी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं देखा गया।
नई दवा की खासियत
वैज्ञानिकों ने दवा की संरचना को Spherical Nucleic Acid (SNA) तकनीक से बदल दिया। इसे छोटे-छोटे डीएनए गोलों में लपेटा गया, जिससे दवा शरीर में आसानी से घुलती है और सीधे कैंसर कोशिकाओं तक पहुँचती है। इस तरह स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान नहीं होता।
परीक्षण में चौंकाने वाले नतीजे
जब इस दवा का परीक्षण खतरनाक ब्लड कैंसर (Acute Myeloid Leukemia) पर किया गया, तो यह दवा 12.5 गुना तेजी से कैंसर कोशिकाओं में प्रवेश कर गई और 20,000 गुना अधिक असरदार साबित हुई। कैंसर की वृद्धि को 59 गुना तक धीमा करने में भी यह सफल रही।
पुरानी दवा की सीमाएं
इस दवा का आधार पुरानी कीमोथेरैपी दवा 5-fluorouracil (5-Fu) थी। पहले यह दवा शरीर में पूरी तरह घुल नहीं पाती थी और केवल 1% असर करती थी। इसके चलते अधिक मात्रा में दवा लेने पर थकान, उल्टी और हृदय पर असर जैसे साइड इफेक्ट्स होते थे। नई SNA तकनीक से यह समस्या खत्म हो गई, दवा तेजी से अवशोषित होती है और सीधे कैंसर सेल्स को निशाना बनाती है।
नई तकनीक कैसे काम करती है
SNA दवा की DNA परतें शरीर की कैंसर कोशिकाओं द्वारा पहचानी जाती हैं। कोशिकाओं के अंदर जाने के बाद DNA परत टूटती है और दवा का असली कैंसर-रोधी तत्व रिलीज़ होकर कैंसर सेल को नष्ट करता है।
वैज्ञानिक अब इस दवा का परीक्षण बड़े जानवरों पर करेंगे, उसके बाद ह्यूमन ट्रायल शुरू किए जाएंगे। अगर इंसानों पर भी यही परिणाम मिले, तो यह कैंसर इलाज के क्षेत्र में ऐतिहासिक मोड़ साबित होगा।
वैज्ञानिकों का कहना
इस रिसर्च के लीडर, डॉक्टर चाड मिरकिन ने कहा, “अगर यह दवा इंसानों में भी सफल रही, तो हम कैंसर इलाज में एक नया युग शुरू करेंगे – अधिक प्रभावी, सुरक्षित और साइड इफेक्ट्स रहित।” यह खोज कैंसर मरीजों और उनके परिवारों के लिए नई उम्मीद लेकर आई है, और संभव है कि आने वाले वर्षों में यह इलाज का सबसे बड़ा बदलाव साबित हो।