Edited By Radhika,Updated: 26 Jul, 2025 06:46 PM

केंद्र सरकार अपनी यूनिवर्सल पेंशन स्कीम को और आकर्षक बनाने की तैयारी में है। इसका मकसद ज्यादा से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को इस योजना से जोड़ना है। इस योजना के तहत कर्मचारियों को उनकी आखिरी सैलरी का 50% पेंशन के तौर पर मिलेगा, जो महंगाई के हिसाब से...
नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार अपनी यूनिवर्सल पेंशन स्कीम को और आकर्षक बनाने की तैयारी में है। इसका मकसद ज्यादा से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को इस योजना से जोड़ना है। इस योजना के तहत कर्मचारियों को उनकी आखिरी सैलरी का 50% पेंशन के तौर पर मिलेगा, जो महंगाई के हिसाब से बढ़ती रहेगी। इस स्कीम पर शर्त यह है कि उन्होंने कम से कम 25 साल नौकरी की हो। सरकार की चिंता है कि अभी तक केवल 1% कर्मचारियों ने ही इसे अपनाया है। इसी के चलते योजना में शामिल होने की आखिरी तारीख 30 सितंबर 2025 तक बढ़ा दी गई है और इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है।
UPS के तहत मिलने वाले मौजूदा लाभ
वर्तमान में इस योजना के तहत कर्मचारियों को उनकी आखिरी सैलरी का 50% पेंशन के तौर पर दिया जाएगा। यह पेंशन राशि महंगाई के हिसाब से बढ़ती रहेगी, बशर्ते कर्मचारी ने कम से कम 25 साल की सेवा पूरी की हो। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि कर्मचारियों को इस योजना की ओर आकर्षित करने के लिए सरकार अब UPS में कुछ नए फायदे जोड़ने पर विचार कर रही है।
जुड़ सकते हैं ये नए फायदे
सूत्रों के मुताबिक UPS को और बेहतर बनाने के लिए सरकार कुछ अहम बदलाव करने जा रही है:
- आश्रित बच्चों को पेंशन: पुरानी पेंशन योजना (OPS) की तरह, UPS में भी अब आश्रित बच्चों खासकर एकल माता-पिता के बच्चों को पेंशन का लाभ मिल सकता है। OPS में आश्रित बच्चों को मृत व्यक्ति की अंतिम माह की बेसिक सैलरी के 30% के बराबर पेंशन मिलती थी।
- टैक्स में स्टैंडर्ड डिडक्शन: केंद्र सरकार पेंशन राशि को भी सैलरी की तरह मानने पर विचार कर रही है। इससे UPS चुनने वाले कर्मचारियों को 75,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ मिलेगा और उन्हें इनकम टैक्स में बचत होगी।
- NPS की तरह टैक्स छूट: सरकार लंबित टैक्स फायदों को भी UPS में शामिल करने की योजना बना रही है। इसका मतलब है कि कर्मचारियों को नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) की तरह ही टैक्स में छूट मिल सकेगी।
- 10 साल से पहले इस्तीफा देने पर नियम: यह भी साफ किया जाएगा कि अगर कोई कर्मचारी 10 साल की नौकरी पूरी करने से पहले इस्तीफा देता है, तो वह पेंशन कॉर्पस के लिए जमा की गई रकम निकाल सकता है। उसे पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा।
पत्नियों और आश्रितों के लिए भी सुरक्षा
UPS योजना यह भी सुनिश्चित करती है कि कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके पति या पत्नी को आखिरी पेंशन का 60% मिलेगा। उन कर्मचारियों के लिए जिन्होंने कम से कम 10 साल नौकरी की है, उन्हें हर महीने न्यूनतम 10,000 रुपये की पेंशन का भरोसा दिया गया है।
सरकार क्यों है चिंतित?
इन तमाम लाभों और सरकार की लगातार कोशिशों के बावजूद अभी तक केवल 1% यानी लगभग 30,000 कर्मचारियों ने ही इस नई योजना को अपनाया है। कर्मचारियों की यह कम दिलचस्पी सरकार के लिए चिंता का विषय बन गई है। इसी वजह से योजना में शामिल होने की आखिरी तारीख को 30 सितंबर 2025 तक बढ़ा दिया गया है। खबर है कि यदि इसके बाद भी अपेक्षित संख्या में कर्मचारी शामिल नहीं होते, तो इस तारीख को आगे भी बढ़ाया जा सकता है। सरकार उम्मीद कर रही है कि इन नए फायदों को जोड़ने से अधिक कर्मचारी UPS को अपनाएंगे।