प्राकृतिक खेती से किसानों की आय डेढ़ गुनी हो सकती है, लोगों को बीमारियों से मुक्ति भी मिलेगी: शाह

Edited By Updated: 26 Dec, 2025 12:40 AM

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केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रासायनिक उर्वरकों को अनेक प्रकार की बीमारियों का कारण बताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि प्राकृतिक खेती से ना सिर्फ किसानों की आय डेढ़ गुनी तक बढ़ती है बल्कि पानी की बचत भी होती है और लोगों को अनेक बीमारियों...

नेशनल डेस्क: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रासायनिक उर्वरकों को अनेक प्रकार की बीमारियों का कारण बताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि प्राकृतिक खेती से ना सिर्फ किसानों की आय डेढ़ गुनी तक बढ़ती है बल्कि पानी की बचत भी होती है और लोगों को अनेक बीमारियों से मुक्ति भी मिलती है। शाह ने यहां आयोजित ‘कृषक सम्मेलन' को संबोधित करते हुए कहा कि सहकारिता मंत्रालय ने 'मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव्स' बनाकर जैविक उत्पादों की पैकेजिंग, मार्केटिंग, सर्टिफिकेशन व निर्यात के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती एक ऐसा पारंपरिक प्रयोग है, जिसमें गौ माता के गोबर और मूत्र के उपयोग से एक ऐसी व्यवस्था बनती है जो किसान की आय को भी कम नहीं होने देती और उपज भी शुद्ध होती है। शाह ने कहा कि एक ही देसी गाय से 21 एकड़ भूमि में प्राकृतिक खेती की जा सकती है।

शाह ने कहा, ‘‘आज अनेक प्रकार की बीमारियों की जड़ रासायनिक उर्वरक हैं। प्राकृतिक खेती एक ऐसा प्रयोग है, जो किसान की आय को कम नहीं होने देता है और साथ ही उसकी उपज को शुद्ध और गुणवत्तापूर्ण बनाता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘इससे आय बढ़ती है, पानी की बचत होती है और लोगों को अनेक बीमारियों से मुक्ति मिलती है।'' केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि देश में लगभग 40 लाख किसान प्राकृतिक खेती को अपना चुके हैं और इससे उनका उत्पादन बढ़ रहा है। शाह ने कहा कि उन्होंने स्वयं अपने खेत में यह प्रयोग किया है और इससे उत्पादन घटा नहीं, बल्कि बढ़ा है। शाह ने कहा कि दुनिया में प्राकृतिक खेती का बहुत बड़ा बाजार है और वैश्विक बाजार में देश के किसानों की उपज बेहतर तरीके से पहुंच सके, इसके लिए भूमि परीक्षण से लेकर प्रमाणीकरण, उपज की प्रयोगशाला में जांच और पैकेजिंग तक की पूरी व्यवस्था विकसित की जा रही है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सहकारिता मंत्रालय के माध्यम से दो बड़ी सहकारी संस्थाओं की स्थापना की है, जो प्राकृतिक खेती की उपज का प्रमाणीकरण, विश्वस्तरीय आधुनिक प्रयोगशाला में उसका परीक्षण, पैकेजिंग, मार्केटिंग और निर्यात का कार्य कर रही हैं। शाह ने कहा, ‘‘आने वाले समय में देशभर में 400 से अधिक प्रयोगशालाएं किसानों को प्रमाण पत्र प्रदान करेंगी, जिससे किसानों की आय लगभग डेढ़ गुना तक बढ़ेगी।''

शाह ने इससे पहले, बसामन मामा गोवंश परियोजना का अवलोकन किया और इसे एक बहुत ही अच्छा प्रयोग करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘यह अनेक किसानों और गोपालकों का आगे बढ़ने की दिशा में मार्गदर्शन कर सकता है। यहां गौशाला भी है और गाय के गोबर से निर्मित प्राकृतिक खेती की पूरी श्रृंखला भी विकसित की गई है। एक एकड़ भूमि में सवा लाख रुपये तक की आय देने वाला यह प्रयोग निश्चित रूप से छोटे किसानों के लिए एक बड़ा आशीर्वाद सिद्ध होगा।'' बसामन मामा को विंध्य क्षेत्र में लोक देवता की तरह पूजा जाता है। उन्होंने लोगों से प्रकृति की सेवा का संकल्प लेने और सबसे अधिक ऑक्सीजन देने वाले पीपल के कम से कम पांच वृक्ष लगाने की अपील की।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज मध्यप्रदेश का रीवा क्षेत्र धीरे-धीरे एक विकसित क्षेत्र बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज एशिया का सबसे बड़ा सौर संयंत्र रीवा में है और रीवा से प्रयागराज या जबलपुर हो, बहुत अच्छी चार लेन की सड़कों का विकास हुआ है। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव, उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला और राज्य सरकार के मंत्री प्रह्लाद पटेल सहित कई अन्य नेता मौजूद थे। 

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