Edited By Parveen Kumar,Updated: 25 Dec, 2025 08:14 PM

देश में पुरुषों में होने वाले कैंसर में मुंह का कैंसर एक बड़ी और गंभीर समस्या है। अब तक आम धारणा यही थी कि तंबाकू इसका सबसे बड़ा कारण है, लेकिन मुंबई के टाटा मेमोरियल सेंटर की एक नई स्टडी ने इस सोच को पूरी तरह बदल दिया है। इस रिसर्च के मुताबिक, भारत...
नेशनल डेस्क: देश में पुरुषों में होने वाले कैंसर में मुंह का कैंसर एक बड़ी और गंभीर समस्या है। अब तक आम धारणा यही थी कि तंबाकू इसका सबसे बड़ा कारण है, लेकिन मुंबई के टाटा मेमोरियल सेंटर की एक नई स्टडी ने इस सोच को पूरी तरह बदल दिया है। इस रिसर्च के मुताबिक, भारत में मुंह के कैंसर के 62 प्रतिशत मामलों की सबसे बड़ी वजह शराब है। इतना ही नहीं, शराब के साथ तंबाकू का सेवन करने वालों में यह खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
कब और कैसे हुई यह स्टडी?
यह स्टडी दिसंबर 2025 में प्रतिष्ठित BMJ Global Health जर्नल में प्रकाशित हुई। रिसर्च 2010 से 2021 के बीच 3706 पुरुषों पर की गई, जिनमें 1803 मुंह के कैंसर के मरीज और 1903 स्वस्थ लोग शामिल थे। सभी प्रतिभागियों को मुंबई के टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल और खारघर स्थित ACTREC से चुना गया।
क्या सामने आया इस रिसर्च में?
रिसर्च में सामने आया कि शराब का सेवन मुंह के कैंसर के खतरे को बेहद तेजी से बढ़ाता है। चाहे ब्रांडेड बियर, व्हिस्की, वाइन हो या देसी शराब जैसे महुआ, टॉडी और ठर्रा, सभी तरह की शराब इस खतरे को बढ़ाती हैं।चौंकाने वाली बात यह है कि दिन में सिर्फ 9 ग्राम शराब, यानी एक स्टैंडर्ड ड्रिंक, से ही कैंसर का खतरा 50 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। यहां तक कि बहुत कम मात्रा में बियर पीना भी जोखिम बढ़ा सकता है।
स्टडी के मुताबिक, 17 प्रतिशत मामले सिर्फ शराब के कारण होते हैं, जबकि गुटखा, खैनी और अन्य तंबाकू उत्पादों से 37 प्रतिशत मुंह के कैंसर के मामले सामने आते हैं। सबसे खतरनाक स्थिति तब होती है, जब शराब और तंबाकू दोनों का सेवन एक साथ किया जाए- ऐसे में खतरा 4 से 5 गुना तक बढ़ जाता है, और 62 प्रतिशत मामले इसी वजह से होते हैं।
शराब से क्यों बढ़ता है कैंसर का खतरा?
शराब पीने से शरीर में एसिटाल्डिहाइड नाम का जहरीला तत्व बनता है, जो डीएनए को नुकसान पहुंचाता है। भारत में ज्यादातर लोगों के जीन ऐसे होते हैं, जो शराब को धीरे-धीरे तोड़ते हैं। इससे यह जहरीला तत्व शरीर में ज्यादा समय तक बना रहता है और कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
डॉक्टर क्या चेतावनी देते हैं?
टाटा मेमोरियल सेंटर में मुंह और गले के कैंसर विभाग के प्रमुख डॉ. पंकज चतुर्वेदी के अनुसार, शराब को ग्रुप-1 कैंसर कारक माना जाता है। उनका कहना है कि भारत में तंबाकू को लेकर सख्त नीतियां हैं, लेकिन शराब पर वैसी पॉलिसी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि “थोड़ा पीना सुरक्षित है” जैसी बातें पूरी तरह गलत हैं, क्योंकि शराब की कोई सेफ लिमिट नहीं होती। साथ ही सेलिब्रिटी और सरोगेट विज्ञापनों पर रोक लगनी चाहिए।
मुंह के कैंसर के शुरुआती लक्षण
- मुंह में घाव या छाला, जो दो हफ्ते तक ठीक न हो
- होंठ या मुंह में सफेद या लाल पैच
- मुंह में गांठ या सूजन
- निगलने या बोलने में परेशानी
- गर्दन में गांठ
- मुंह से बदबू या खून आना
कैसे करें बचाव?
- शराब और तंबाकू का पूरी तरह त्याग करें
- गुटखा, खैनी, पान मसाला और सुपारी से दूर रहें
- मुंह की साफ-सफाई रखें, नियमित ब्रश और डेंटल चेकअप कराएं
- फल और सब्जियों से भरपूर हेल्दी डाइट अपनाएं