प्रदूषण फैलाने पर अब हो सकती है पांच साल की जेल या 1 करोड़ का जुर्माना, केंद्र ने बनाया कानून

Edited By Yaspal,Updated: 29 Oct, 2020 07:16 PM

pollution may lead to five years in jail or fine of 1 crore center enacted law

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की समस्या पर काबू पाने के प्रयासों के तहत केंद्र एक अध्यादेश के जरिए नया कानून लेकर आया है, जो तुरंत प्रभाव से लागू हो गया। विधि और न्याय मंत्रालय द्वारा बृहस्पतिवार को जारी अध्यादेश में कहा गया कि प्रावधानों का...

नई दिल्लीः दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की समस्या पर काबू पाने के प्रयासों के तहत केंद्र एक अध्यादेश के जरिए नया कानून लेकर आया है, जो तुरंत प्रभाव से लागू हो गया। विधि और न्याय मंत्रालय द्वारा बृहस्पतिवार को जारी अध्यादेश में कहा गया कि प्रावधानों का उल्लंघन करने पर पांच साल तक जेल की सजा या एक करोड़ रुपये का जुर्माना या एक साथ दोनों सजा हो सकती है। इसमें कहा गया, ‘‘अध्यादेश को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और इससे जुड़े क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश 2020 कहा जा सकता है। यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के उन इलाके तक लागू होगा, जहां वायु प्रदूषण से संबंधित मुद्दे हैं ।'' अध्यादेश पर राष्ट्रपति ने बुधवार को हस्ताक्षर किये।

अध्यादेश के मुताबिक दिल्ली और एनसीआर से जुड़े इलाके, आस पास के क्षेत्र जहां यह लागू होगा उसमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तरप्रदेश हैं। आयोग में 20 सदस्य होंगे, जो इसके नियमों का कड़ाई से पालन करवाना सुनिश्चित करेंगे। इसमें कहा गया, ‘‘आयोग के किसी भी प्रावधान या नियमों या आदेश या निर्देश का पालन नहीं करना दंडनीय अपराध होगा जिसके लिए पांच साल जेल की सजा या एक करोड़ रुपये जुर्माना या एक साथ दोनों सजा हो सकती है।'' आयोग के एक अध्यक्ष भी होंगे। आयोग में दो पूर्णकालिक सदस्य होंगे जो केंद्र सरकार के संयुक्त सचिव होंगे। इसके अलावा तीन पूर्णकालिक स्वतंत्र तकनीकी सदस्य होंगे जिन्हें वायु प्रदूषण संबंधी वैज्ञानिक जानकारी होगी।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के एक तकनीकी सदस्य भी होंगे, तथा इसरो एक तकनीकी सदस्य को नामित करेगा। वायु प्रदूषण रोकने के संबंध में अनुभव रखने वाले एनजीओ के तीन सदस्य भी होंगे। आयोग सहयोगी सदस्यों को भी नियुक्त कर सकता है। आयोग में निगरानी और पहचान, सुरक्षा और प्रवर्तन तथा अनुसंधान और विकास में प्रत्येक से एक-एक के साथ तीन उप कमेटी होगी।

आयोग के पास वायु (प्रदूषण रोकथाम और नियंत्रण) कानून 1981, और पर्यावरण (संरक्षण) कानून 1986 जैसे मौजूदा कानूनों के तहत निवारण के लिए मामलों का स्वत: संज्ञान लेने, शिकायतों पर सुनवाई, आदेश जारी करने का अधिकार होगा । आयोग के पास एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार किसी भी गतिविधियों पर पाबंदी लगाने का अधिकार होगा।

 

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