Edited By Parveen Kumar,Updated: 10 Jun, 2025 08:07 PM

भारत के लिए एक और अच्छी खबर आई है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में गरीबी लगातार घट रही है और 2024 में यह घटकर केवल 4.6% रहने की उम्मीद है। यह आंकड़ा विश्व बैंक के 2023 के अनुमान (5.3%) से भी बेहतर है।
नेशनल डेस्क: भारत के लिए एक और अच्छी खबर आई है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में गरीबी लगातार घट रही है और 2024 में यह घटकर केवल 4.6% रहने की उम्मीद है। यह आंकड़ा विश्व बैंक के 2023 के अनुमान (5.3%) से भी बेहतर है। SBI की रिपोर्ट बताती है कि भारत ने गरीबी को कम करने में बहुत अच्छी प्रगति की है। यह सफलता बेहतर आंकड़े जुटाने के तरीकों और नई सर्वे पद्धतियों की वजह से मिली है। भारत ने हाल ही में घरेलू खपत व्यय सर्वे (HCES) में MMRP (Modified Mixed Recall Period) नाम की नई विधि अपनाई है। इससे पहले URP (Uniform Reference Period) का इस्तेमाल होता था।
नई पद्धति में लोग अपनी खरीदारी की जानकारी बेहतर तरीके से देते हैं, जिससे यह जानना आसान हो गया है कि लोग कितना खर्च कर रहे हैं और उनकी जीवनशैली कैसी है। इससे देश में असली खपत का सही आंकलन हुआ और गरीबी के सही आंकड़े सामने आए।
उदाहरण के लिए, 2022-23 के सर्वे में, अगर नई गरीबी रेखा (USD 3.00 प्रति दिन) को देखा जाए तो भारत में गरीबी केवल 5.25% थी। वहीं, पुरानी गरीबी रेखा (USD 2.15 प्रति दिन) के हिसाब से यह और भी कम 2.35% थी।
हाल ही में विश्व बैंक ने वैश्विक गरीबी रेखा को बढ़ाया है, जिससे दुनियाभर में 22.6 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे आ गए हैं। लेकिन भारत ने इससे उलट एक अच्छा उदाहरण पेश किया है और उसके बेहतर आंकड़ों ने दुनिया भर की गरीबी में 12.5 करोड़ लोगों की कमी दिखाने में मदद की है।